अगले तीन दिन तक इन जिलों में होगी बारिश
बिहार मौसम सेवा केंद्र ने 23 जुलाई से अगले तीन दिनों तक राज्य के कई जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई है. अररिया, अरवल, औरंगाबाद, बांका, बेगुसराय, भागलपुर, भोजपुर, बक्सर, दरभंगा, गया, गोपालगंज, जमुई, जहानाबाद, कैमूर, कटिहार, खगड़िया, किशनगंज, लखीसराय, मधेपुरा, मधुबनी, मुंगेर, मुजेफ्फरपुर, नालंदा, नवादा, पश्चिमी, चंपारण, पटना, पूर्णिया, रोहतास, सहरसा, समस्तीपुर, सारण, शेखपुरा, शिवहर, सीतामढ़ी, सीवान, वैशाली और पूर्वी चंपारण में मेघगर्जन और वज्रपात के साथ बारिश होने की संभावना है.
आकाशीय बिजली से बचने के लिए चेतावनी अलर्ट जारी
मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार, दो दिनों बाद बंगाल की खाड़ी में एक निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है. दक्षिणी बिहार के गया, रोहतास, कैमूर, औरंगाबाद और अरवल में गुरुवार से भारी बारिश का दौर शुरू होगा, जो 28 जुलाई तक जारी रह सकता है. इस दौरान 30-40 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से तेज हवा चलेगी और ठनका गिरने की आशंका भी है. मौसम विभाग ने चेतावनी अलर्ट जारी करते हुए कहा है कि आसमान में शुक्रवार से बादल छाएंगे और एक-दो स्थानों पर बारिश के साथ ठनका गिरने की संभावना है. बारिश के दौरान आकाशीय बिजली से बचने के लिए सुरक्षित स्थानों पर शरण लें, इसके साथ ही बिजली के उपकरणों से दूर रहें, और खुले स्थानों से बचें.
कटिहार के दर्जन भर से अधिक गांवों में घुसा बाढ़ का पानी
सावन के महीने में जहां लोग झमाझम बारिश की उम्मीद लगाए बैठे हैं, वहीं बाढ़ से लोगों को राहत नहीं मिल रही है. बक्सर, भोजपुर, पटना और कटिहार में बाढ़ की स्थिति है. कटिहार में कोसी का बाढ़ ने प्रखंड क्षेत्र के अधिकतर भूभाग को चपेट में ले लिया है. हर तरफ बाढ़ की स्थिति दिख रही है. बाघमारा पंचखूटी सड़क पर नाव चल रही है. प्रखंड क्षेत्र के मेहर टोला व मोकना टोला विद्यालय परिसर में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. जानकारी अनुसार कोसी नदी कुरसेला में लाल निशान के उपर बह रही है. नदी के उफान में नरमी आने के बावजूद बाढ़ फैलाव की स्थिति यथावत बनी हुई है. गंगा नदी के उफान पर बने रहने से बाढ़ की स्थिति में सुधार नहीं हो पाया है. बाढ़ संकट को लेकर जनमानस चितिंत हो उठे है. निचले भूभाग के गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश करने से लोगों की परेशानी बढ़ती जा रही है. बाढ़ से जान माल खतरे को लेकर जनमानस दहशत में हैं. नदियों के जलस्तर में अधिक उफान बढ़ने से क्षेत्र में बाढ़ तबाही ला सकती है.
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