Bihar Weather: फरवरी में ही तापमान पहुंचा 30 डिग्री के पार, किसानों की बढ़ी चिंता

Bihar Weather: ठंड कम पड़ने और कुहासा न गिरने के कारण पहले से ही फसल कमजोर हो चुकी है. तापमान बढ़ने से गेहूं की बाली में फूल लगने और दानों में दूध भरने की प्रक्रिया प्रभावित होगी, जिससे दाने छोटे और हल्के होने की संभावना है. इससे फसल की गुणवत्ता और वजन दोनों पर असर पड़ेगा.

By Ashish Jha | February 26, 2025 6:35 AM
feature

Bihar Weather: हाजीपुर. फरवरी माह में असामान्य रूप से बढ़ते तापमान ने रबी फसल, विशेषकर गेहूं, दलहन और तेलहन उत्पादक किसानों की चिंता बढ़ा दी है. इस महीने दिन का तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से अधिक पहुंचने के कारण गेहूं उत्पादक किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है. इस वर्ष सामान्य से कम बारिश और अपेक्षाकृत कम ठंड के कारण रबी फसलों के लिए प्रतिकूल स्थिति बनी हुई है. गर्मी बढ़ने और खेतों में नमी की कमी के चलते अधिकांश किसान गेहूं की फसल में बाली आने से पहले ही दूसरी सिंचाई कर चुके हैं. फरवरी के महीने में गेहूं की फसल में फूल लगने का समय होता है. ऐसे समय में पछुआ हवा चलने से उत्पादन प्रभावित होने की आशंका है. किसानों के अनुसार, इस वर्ष गेहूं उत्पादन के लिए अनुकूल मौसम नहीं है. ठंड कम पड़ने और कुहासा न गिरने के कारण पहले से ही फसल कमजोर हो चुकी है. तापमान बढ़ने से गेहूं की बाली में फूल लगने और दानों में दूध भरने की प्रक्रिया प्रभावित होगी, जिससे दाने छोटे और हल्के होने की संभावना है. इससे फसल की गुणवत्ता और वजन दोनों पर असर पड़ेगा.

बागवानी पर भी पड़ेगा प्रतिकूल असर

बढ़ते तापमान का असर सिर्फ गेहूं तक सीमित नहीं है. गरमा मक्का, अरहर, मूंग, तिल और अन्य दलहन-तेलहन फसलों के लिए भी यह मौसम प्रतिकूल साबित हो सकता है. इससे किसानों को हर हाल में नुकसान उठाना पड़ सकता है. कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, बढ़ता तापमान आम उत्पादक किसानों के लिए भी नुकसानदायक हो सकता है. मार्च और अप्रैल में यदि इसी तरह तापमान बढ़ता रहा, तो आम के मंजर में कीटों का प्रकोप बढ़ सकता है, जिससे उत्पादन प्रभावित होगा. टिकोला बनने के बाद इसके झड़ने की संभावना भी अधिक रहेगी, जिससे किसानों को बड़ा नुकसान हो सकता है. इसी तरह, अन्य बागवानी फसलों में भी फूल लगने के दौरान 30 डिग्री से अधिक तापमान नुकसानदायक साबित होगा.

30 डिग्री तापमान किसानों के लिए शुभ संकेत नहीं

कृषि विज्ञान केंद्र, हरिहरपुर के कृषि वैज्ञानिक डॉ प्रेम प्रकाश गौतम ने कहा कि फरवरी में 30 डिग्री से अधिक तापमान होना किसानों के लिए शुभ संकेत नहीं है. फरवरी माह में सामान्य रूप से अधिकतम तापमान 26 से 27 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए, लेकिन इस साल मध्य फरवरी में ही तापमान 30 डिग्री तक पहुंच चुका है. इससे गेहूं के दाने में दूध भरने की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पायेगी, जिससे उत्पादन घटेगा और दाने छोटे व चिपटे होंगे.

Also Read: नीतीश की इस योजना से बिहार में बना स्वरोजगार का माहौल, 44 हजार से ज्यादा युवा बने उद्यमी

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें

यहां पटना न्यूज़ (Patna News) , पटना हिंदी समाचार (Patna News in Hindi), ताज़ा पटना समाचार (Latest Patna Samachar), पटना पॉलिटिक्स न्यूज़ (Patna Politics News), पटना एजुकेशन न्यूज़ (Patna Education News), पटना मौसम न्यूज़ (Patna Weather News) और पटना क्षेत्र की हर छोटी और बड़ी खबर पढ़े सिर्फ प्रभात खबर पर.

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version