महिला एथलीट स्वास्थ्य और कल्याण नीति” बनाने वाला देश का पहला राज्य होगा बिहार

पाटलिपुत्र खेल परिसर में शुक्रवार काे बिहार सरकार द्वारा महिला खिलाडियों के विकास के लिए 'बिहार महिला एथलीट स्वास्थ्य एवं कल्याण नीति-2025' के ड्राफ्ट पर परिचर्चा का आयोजन किया गया़ देशभर से आये विशेषज्ञों ने इसमें अपने विचार रखे. इस तरह की नीति बनाने वाला बिहार देश का पहला राज्य होगा.

By DHARMNATH PRASAD | July 5, 2025 1:07 AM
an image

पटना. पाटलिपुत्र खेल परिसर में शुक्रवार काे बिहार सरकार द्वारा महिला खिलाडियों के विकास के लिए ”बिहार महिला एथलीट स्वास्थ्य एवं कल्याण नीति-2025” के ड्राफ्ट पर परिचर्चा का आयोजन किया गया़ देशभर से आये विशेषज्ञों ने इसमें अपने विचार रखे. इस तरह की नीति बनाने वाला बिहार देश का पहला राज्य होगा. राज्य में महिला खिलाड़ियों की निरंतर बढ़ती भागीदारी और बेहतर प्रदर्शन द्वारा मेडल जीतने की वृद्धि को ध्यान में रखते हुए खेल विभाग, बिहार राज्य खेल प्राधिकरण और राज्य सरकार द्वारा महिला खिलाड़ियों के लिए विशेष रूप से स्वास्थ्य और कल्याण नीति बनाने की आवश्यकता महसूस हुई. बिहार महिला एथलीट स्वास्थ्य एवं कल्याण नीति-2025 के ड्राफ्ट पर हुई परिचर्चा में बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक रवींद्रण शंकरण, निदेशक रविंद्र नाथ चौधरी, पूर्व निदेशक संजय कुमार सिन्हा, उप निदेशक हिमांशु सिंह की उपस्थिति में खेल और विभिन्न क्षेत्रों की महिला विशेषज्ञों और खिलाड़ियों में प्रमुख रूप से बिहार पुलिस अकादमी की निदेशिका आर मल्लार विज्जी, ओलिंपियन तैराक माना पटेल, आइआइएम बोधगया की निदेशिका डॉ विनीता एस सहाय, आइटी विशेषज्ञ हिमानी मिश्रा, टॉप्स के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी कोमोडोर राजेश राजगोपालन, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ ऋतुराज, राजगीर स्पोर्ट्स अकादमी के मुख्य सलाहकार ओलिंपियन गविन फरेरा, खेल मनोवैज्ञानिक डॉ प्रिया, आइपीआरडी की कम्युनिकेशन एक्सपर्ट नूपुर झा, एनआइएस पटियाला की खेल विज्ञान विशेषज्ञ डॉ जाह्नवी दांडे सहित 30 से ज्यादा विशेषज्ञों ने अपनी राय रखी.

मासिक धर्म खिलाड़ियों के प्रदर्शन में बाधक

विशेषज्ञों ने कहा कि वैश्विक स्तर पर और भारत में अधिकांश खेल प्रणालियां महिला एथलीटों की शारीरिक और मनोवैज्ञानिक जरूरतों के अनुरूप नहीं बनायी गयी हैं. वैश्विक स्तर पर, 80 प्रतिशत महिला एथलीट मासिक धर्म से संबंधित लक्षणों का अनुभव करती हैं जो प्रदर्शन को प्रभावित करते हैं, फिर भी 10 प्रतिशत से भी कम अपने कोच के साथ इस पर चर्चा करने में सहज महसूस करती हैं. भारत में 82 प्रतिशत महिलाओं ने बताया है कि मासिक धर्म उनके प्रशिक्षण और प्रदर्शन में बाधा डालता है. महिला खिलाड़ियों की खेल के दौरान मासिक धर्म संबंधी समस्याओं और इसके समाधानों, समुचित पोषण की कमी से होनेवाली समस्या और इसका निदान, शारीरिक और मानसिक रूप से खेल के लिए सक्षम बनाने के वैज्ञानिक उपायों पर विशेष ध्यान देते हुए इस नीति का ड्राफ्ट तैयार किया गया है जिससे राज्य में महिला खिलाड़ियों की भागीदारी और उनके प्रदर्शन में और सुधार हो सके.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें

यहां पटना न्यूज़ (Patna News) , पटना हिंदी समाचार (Patna News in Hindi), ताज़ा पटना समाचार (Latest Patna Samachar), पटना पॉलिटिक्स न्यूज़ (Patna Politics News), पटना एजुकेशन न्यूज़ (Patna Education News), पटना मौसम न्यूज़ (Patna Weather News) और पटना क्षेत्र की हर छोटी और बड़ी खबर पढ़े सिर्फ प्रभात खबर पर.

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version