बिहारियों की थाली में ज्यादा खाना, पर कम पोषण!

बिहार के लोग देश के औसत से ज्यादा खाना खा रहे हैं, लेकिन पोषण के नाम पर थाली में पोषण का संकट गहराता नजर आ रहा है.

By RAKESH RANJAN | July 12, 2025 1:34 AM
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कैलाशपति मिश्र, पटना

बिहार के लोग देश के औसत से ज्यादा खाना खा रहे हैं, लेकिन पोषण के नाम पर थाली में पोषण का संकट गहराता नजर आ रहा है.राज्य के ग्रामीण और शहरी इलाकों में कैलोरी का इनटेक राष्ट्रीय औसत से अधिक है, फिर भी पोषण का स्तर नीचे गिरता जा रहा है.बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों हर व्यक्ति के खाने में हर दिन वर्ष 2022-23 और 2023-24 में 2432 कैलोरी और 2326 कैलोरी थी, जबकि शहरी भारत में इन दो वर्षों के लिए ये आंकड़े 2461 कैलोरी और 5453 कैलोरी थी, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर ग्रामीण भारत में प्रति व्यक्ति प्रतिदिन औसत कैलोरी सेवन वर्ष 2022-23 और 2023-24 में 2233 और 2212 कैलोरी थी, जबकि शहरी भारत में इन दो वर्षों के लिए ये आंकड़े2250 और 2240 कैलोरी थी.हालांकि, ज्यादा कैलोरी का मतलब ज्याद पोषण नहीं होता है, इस कैलोरी में वो संतुलन नहीं है, जो शरीर को स्वस्थ और मजबूत बना सके. केंद्र सरकार की “भारत में पोषण सेवन ” रिपोर्ट 2023-24 ने यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है.

पोषण सेवन रिपोर्ट के 2023-24 के आंकड़ों पर गौर करें तो यह दिखाई देता है कि बिहार में प्रति व्यक्ति औसत दैनिक कैलोरी, प्रोटीन और फैट सेवन में पिछले वर्षों की तुलना में कई अंतर सामने आये हैं. एक ओर जहां शहरी क्षेत्रों में फैट सेवन में वृद्धि दर्ज की गयी है. वहीं, प्रोटीन के सेवन में गिरावट और कैलोरी के असंतुलन ने पोषण संकट की ओर संकेत किया है. वर्ष 2022-23 में शहरी बिहार में प्रति व्यक्ति कैलोरी सेवन 2461 केलोरी थी, जो वर्ष 2023-24 में घटकर 2453 कैलोरी हो गयी. वहीं, वर्ष 2022-23 में बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिदिन औसत सेवन 2432 कैलोरी थी, जो वर्ष 2023-24 में घटकर 2326कैलोरी पर आ गयी.

रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि बिहार में प्रोटीन सेवन में गिरावट दिखाई दी है. ग्रामीण बिहार में 2022-23 में प्रोटीन सेवन 68.7 ग्राम था, जो 2023-24 में घटकर 57.6 ग्राम रह गया. वहीं, शहरी क्षेत्रों में 2022-23 में प्रोटीन सेवन 69.8 ग्राम था, जो 2023-24 में घटकर 67 ग्राम रह गया. हालांकि, उपभोक्ता इकाई के हिसाब से शहरी क्षेत्रों में थोड़ा सुधार देखा गया है. यहां प्रोटीन सेवन 73.3 ग्राम से बढ़कर 73.9 ग्राम हो गया है. ग्रामीण क्षेत्रों में यह 62.4 ग्राम से घटकर 61.6 ग्राम हो गया. प्रोटीन की यह गिरती मात्रा बच्चों और किशोरों के लिए खतरे का संकेत है. रिपोर्ट के अनुसार राज्य के ग्रामीण क्षेत्र में फैट के सेवन में अधिक बढ़ोतरी हुुई है.फैट (वसा) के सेवन में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच स्पष्ट अंतर देखा गया है. शहरी क्षेत्रों में वर्ष 2023-24 में प्रति व्यक्ति प्रतिदिन वसा सेवन 72.2 ग्राम रहा, जो पिछले वर्ष 70.5 ग्राम था. वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में यह 61.8 ग्राम से घटकर 60.7 ग्राम रह गया. उपभोक्ता इकाई के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में वसा सेवन में भारी उछाल देखा गया है. 2022-23 में 37.6 ग्राम से बढ़कर 66.3 ग्राम हो गया है. शहरी क्षेत्रों में यह 78.4 बढ़कर 80.1 ग्राम पहुंच गया है.

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