Bihar Flood: नेपाल के पहाड़ी इलाकों में हुई मूसलधार बारिश का असर एक बार फिर कोसी नदी के जलस्तर पर दिखने लगा है. सुपौल के वीरपुर स्थित बराज के 26 फाटक खोल दिए गए हैं. प्रशासन अलर्ट मोड में है. तटबंधों पर निगरानी फिर एकबार बढ़ा दी गयी है.हालांकि बाढ़ को लेकर स्थिति अभी कंट्रोल में है. इधर, बिहार में भी बारिश लगातार हो रही है. कोसी नदी के जलस्तर में इससे भी बढ़ोतरी हो रही है.
वीरपुर में कोसी बराज के 26 फाटक खोले गए
रविवार को वीरपुर में कोसी बराज के कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के अनुसार, शाम 04 बजे कोसी नदी का जलस्तर 01 लाख 89 हजार 390 क्यूसेक दर्ज किया गया.पानी यहां स्थिर है. नदी के बढ़ते दबाव को देखते हुए कोसी बराज के 56 में से 26 फाटक खोल दिए गए हैं.
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भारी मात्रा में पानी छोड़ा गया
जानकारी के मुताबिक, नेपाल के बराह क्षेत्र में रविवार सुबह 06 बजे से जलस्तर में वृद्धि दर्ज की गई, जो 10 बजे तक जारी रही. इस दौरान पानी 1.23 लाख क्यूसेक से बढ़कर 1.32 लाख क्यूसेक तक पहुंच गई. हालांकि इसके बाद बराह क्षेत्र में जलस्तर में कुछ गिरावट देखी गई, लेकिन कोसी नदी के मुख्य बहाव क्षेत्र में जलस्तर दोपहर 02 बजे तक 01 लाख 49 लाख से बढ़कर 01 लाख 89 लाख क्यूसेक तक पहुंच गया.
मिल रहे खतरे के संकेत
किसानों को राहत देने के उद्देश्य से पूर्वी कोसी मुख्य नहर में 6,500 क्यूसेक और पश्चिमी कोसी मुख्य नहर में 6,200 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है ताकि धान की फसल के लिए पर्याप्त सिंचाई उपलब्ध हो सके. हालांकि, फिलहाल बराह क्षेत्र में बारिश थमी हुई है, लेकिन मौसम विभाग ने रविवार रात से लेकर गुरुवार तक फिर से बारिश की संभावना जताई है. यदि नेपाल के कोसी अंचल में फिर से भारी बारिश होती है, तो उसका सीधा प्रभाव कोसी नदी के जलस्तर पर पड़ेगा और स्थिति गंभीर हो सकती है.
तटबंधों पर तेज हुई निगरानी
प्रशासन की ओर से नदी के दोनों तटबंधों पर सतत निगरानी रखी जा रही है. सभी स्पर और स्टर्ड अपने संरचनात्मक रूप से सुरक्षित बताए जा रहे हैं. तटबंधों की नियमित जांच और निगरानी के लिए अधिकारियों की टीम तैनात है. जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता वरुण कुमार ने बताया कि, फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है. नदी के जलस्तर पर लगातार नजर रखी जा रही है और किसी भी प्रकार के खतरे की फिलहाल कोई सूचना नहीं है. विभाग पूरी तरह सतर्क और तैयार है.
बराज पर फाटक खोलने के मायने क्या हैं?
बराज के फाटक तब खोले जाते हैं जब नदी का जलस्तर बढ़ने लगता है. खासकर भारी बारिश के कारण कोसी बराज पर ऐसी स्थिति आती है. बाढ़ को नियंत्रित करने के लिए ऐसा किया जाजा है. जब कोसी का जलस्तर खतरे का संकेत देने लगे तब एक-एक करके कोसी के फाटक खोले जाते हैं. वीरपुर बराज पर कुल 56 फाटक हैं. पानी के दबाव के हिसाब से फाटक खोले जाते हैं. पिछले साल सभी 56 फाटक खोले गए थे.
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