आनंद तिवारी, पटना पटना सहित जिले के अधिकतर प्राइवेट ब्लड सेंटर थैलेसीमिया के मरीजों को खून (पीआरबीसी) नहीं दे रहे हैं. इसको लेकर पीएमसीएच, एनएमसीएच सहित अन्य मेडिकल कॉलेज व अस्पतालों में इलाज कराने आ रहे मरीजों को समय पर खून नहीं मिल पा रहा है. इससे परेशान होकर अस्पताल प्रशासन की ओर से स्टेट ड्रग कंट्रोलर व राज्य स्वास्थ्य समिति को पत्र लिखा गया है. इस पत्र के माध्यम से उन्होंने नियम का हवाला देते हुए ब्लड की मांग की है. नियम के अनुसार हर साल कम से कम 180 यूनिट ब्लड पीएमसीएच थैलेसीमिया डे केयर को देना है. लेकिन दो निजी सेंटरों को छोड़ पटना के सभी प्राइवेट ब्लड सेंटर आंकड़ा पूरा नहीं कर पाये. इनमें से किसी ने छह तो किसी ने 12 यूनिट ब्लड दिया. राज्य स्वास्थ्य समिति ने थैलेसीमिया मरीजों की परेशानियों को देखते हुए एक नियम लागू किया. जिसमें सभी ब्लड बैंकों को थैलेसीमिया डे केयर यूनिट को हर महीने 15 यूनिट ब्लड देना है. अगर कोई सेंटर ब्लड नहीं देते, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की भी बात कही गयी. इसको लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति की ओर से सभी ब्लड सेंटरों को पत्र भी जारी किया. लेकिन, सरकारी व निजी में प्रथमा व मॉडल ब्लड सेंटर को छोड़ किसी भी निजी ब्लड सेंटर की ओर से नियम का पालन नहीं किया गया. बड़ी बात तो यह है कि राज्य स्वास्थ्य समिति ने जिन जिम्मेदार अधिकारियों को इसका जिम्मा दिया, उनके द्वारा भी इस संदर्भ में आज तक निजी ब्लड बैंकों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गयी. नतीजतन निजी सेंटर मनमानी पर उतर गये हैं. ब्लड देने के लिए सख्त आदेश : राज्य स्वास्थ्य समिति ने पटना के आठ ब्लड सेंटरों को थैलेसीमिया के मरीजों को खून देने का आदेश जारी किया है. इन आठ सेंटरों में महावीर वात्सल्य अस्पताल, मां ब्लड सेंटर, कुर्जी होली फैमिली हॉस्पिटल, महावीर कैंसर संस्थान, आइजीआइएमएस सहित आठ अस्पतालों को सख्त आदेश जारी किया गया. बावजूद इन सेंटरों की ओर से पीएमसीएच थैलेसीमिया डे केयर यूनिट को खून मुहैया नहीं कराया जा रहा है.
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