पुराने पुल की जगह बनेंगे नये पुल
योजना के तहत न सिर्फ पुराने और जर्जर पुलों की जगह नए और मजबूत पुल बनाए जाएंगे, बल्कि उन इलाकों में भी काम होगा, जहां आज तक मिसिंग ब्रिज की वजह से रास्ता अधूरा है. साथ ही बाढ़ या अन्य प्राकृतिक आपदाओं से क्षतिग्रस्त पुलों को भी फिर से खड़ा किया जाएगा. जहां पुल पहले से बने हुए हैं, लेकिन उनके पास पहुंच पथ (एप्रोच रोड) नहीं होने से वह जर्जर हो गए हैं, वहां भी पुलों का निर्माण होगा.
जून-जुलाई में होगा टेंडर
मौजूदा वित्तीय वर्ष 2025-26 में ही इन पुलों के निर्माण करने का निर्णय हुआ है. मई में इनकी डीपीआर तैयार हो जाएगी. इसके बाद इसकी प्रशासनिक स्वीकृति ली जाएगी. विभागीय मंजूरी मिलने पर इन पुलों के निर्माण के लिए जून-जुलाई तक टेंडर जारी कर दिया जाएगा. काम अवार्ड होने के डेढ़ साल के भीतर इन पुलों का निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है. विभाग का मानना है कि यह योजना सिर्फ पुलों का निर्माण नहीं, बल्कि गांवों के सामाजिक और आर्थिक विकास की आधारशिला है.
बीते वर्ष 649 पुलों की मंजूरी मिली
विगत वित्तीय वर्ष 2024-25 में विभाग ने 649 पुलों के निर्माण की मंजूरी दी थी. इन पुलों के निर्माण पर लगभग 2977.12 करोड़ खर्च होंगे. सितंबर 2024 में ही इन पुलों की स्वीकृति मिली थी. अभी इन पुलों की न मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु योजना मेंजनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में आए प्रस्ताव और मुख्यमंत्री द्वारा की गई, सार्वजनिक घोषणाएं, दोनों को शामिल किया गया है. इस तरह इस योजना में आम लोगों से मिले सुझावों को भी शामिल किया गया है.
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