बिहार के AK-47 वाले कुख्यात ने नौकर की पत्नी को जिताया था चुनाव, रंजिश में गिरती रही लाशें

Bihar News: बिहार के आरा में कुख्यात बूटन सिंह फिर एकबार AK47 हथियार के कारण सुर्खियों में हैं. बूटन सिंह फरार है और उसके भाई को STF ने गिरफ्तार कर लिया है. बूटन सिंह 2016 में भी एके47 मामले में पकड़ाया था.

By ThakurShaktilochan Sandilya | April 8, 2025 5:37 PM
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बिहार के आरा का कुख्यात बूटन चौधरी एकबार फिर से सुर्खियों में है. बूटन चौधरी दो लाख का इनामी अपराधी है. उदवंतनगर थाना क्षेत्र के बेलाउर गांव में उसके घर से पुलिस ने AK-47 और हैंड ग्रेनेड बरामद किया है. मौके पर से बूटन चौधरी के बड़े भाई उपेंद्र चौधरी को गिरफ्तार किया गया जिसकी पत्नी उर्मिला देवी बेलाउर पंचायत की मुखिया है. बूटन चौधरी 9 साल पहले भी एके 47 के साथ धराया था. उसका भाई उपेंद्र चौधरी भी तब गिरफ्तार हुआ था.

AK-47 लेकर चलने का शौक रखता था बूटन

बूटन चौधरी फरार है. एसटीएफ ने रविवार की देर रात को छापेमारी करके उसके भाई उपेंद्र चौधरी को गिरफ्तार किया है. जिसकी पत्नी मुखिया है. बूटन और उपेंद्र दोनों का आपराधिक इतिहास रहा है. दोनों पर आधा दर्जन के करीब मुकदमे हैं. बूटन चौधरी पंचायत के ही बीडीसी सदस्य की हत्या मामले में तीन महीने पहले जेल से बाहर आया था. बूटन AK-47 जैसे आधुनिक हथियारों का शौकीन रहा है. बूटन और उसके भाई उपेंद्र को 2016 में बेलाउर गांव में एके-47 के साथ पकड़ा गया था.

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बूटन और रंजीत एक दूसरे के लहू के प्यासे थे

बूटन चौधरी और उपेंद्र चौधरी को 2016 में AK-47 जब्ती मामले में एक शादी समारोह से गिरफ्तार किया गया था. तब पुलिस ने बताया था कि पंचायत चुनाव के वर्चस्व की लड़ाई में बूटन चौधरी AK-47 लहरा रहा था. बूटन चौधरी और रंजीत चौधरी में करीब 15 साल से रंजिश थी. दोनों एक दूसरे के लहू के प्यासे थे.

नौकर की पत्नी को मुखिया बनवाया, मुखिया की हत्या हो गयी

2013 में बूटन चौधरी पर ताबड़तोड़ गोली चली थी. कुछ दिन बाद ही बेलाउर की मुखिया चंपा देवी की हत्या हुई जिसमें रंजीत चौधरी आरोपी था. बूटन चौधरी ने 2011 में अपने नौकर की पत्नी चंपा देवी को चुनाव जिताकर मुखिया बनवा दिया था.

नहीं थमी गोलियों की तड़तड़ाहट, गिरती रही लाशें

ये रंजिश बढ़ती गयी. मई 2016 में रंजीत चौधरी के बड़े भाई हेमंत चौधरी को गोलियों से तब भून दिया गया जब वो अपने छोटे भाई की पत्नी जो मुखिया उम्मीदवार थी उसके चुनाव प्रचार में लगे थे. कुछ महीने बाद जुलाई में उसके बड़े बेटे मनीष को गोलियों से छलनी कर दिया गया. 2017 में बस से खींचकर वार्ड पार्षद के पति को गोली मारकर मौत के घाट उतारा गया था. बूटन चौधरी के परिवार से मृतक के बेहतर संबंध थे.

बूटन से मिलने आए भतीजे की भी हुई थी हत्या

बूटन चौधरी के भतीजे दीपू की हत्या गोली मारकर तब कर दी गयी थी जब वो कोर्ट में पेशी के लिए आए अपने चाचा बूटन चौधरी से मिलने आया था. कई बार इस रंजिश में लाशें गिरी. एकबार फिर अब बूटन चौधरी सुर्खियों में है.

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