आरोप है कि कांग्रेस की ओर से प्रदर्शन के लिए प्रशासनिक अनुमति नहीं ली गई थी, जिससे राजधानी की सड़कों पर जाम की स्थिति बन गई और आम लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा. पुलिस ने बताया कि प्रदर्शन के दौरान कानून व्यवस्था भंग हुई और पुलिसकर्मियों से धक्का-मुक्की की गई.
थाने से ही मिली जमानत
सीडीपीओ साकेत कुमार ने जानकारी दी कि यह मुकदमा मजिस्ट्रेट के आवेदन पर दर्ज हुआ है. चूंकि केस में जमानतीय धाराएं लगाई गई थीं, इसलिए सभी आरोपितों को पीआर बॉन्ड पर थाने से ही जमानत दे दी गई.
सीएम से मुलाकात की कोशिश, लेकिन रोक दिया गया काफिला
कन्हैया कुमार के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने 26 दिन तक चलने वाली पदयात्रा पूरी की थी. इस यात्रा का मकसद बेरोजगारी, पलायन और युवाओं की आवाज को सरकार तक पहुंचाना था. पदयात्रा के समापन के बाद कार्यकर्ता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात करने जा रहे थे, लेकिन राजापुर पुल के पास पुलिस ने उन्हें रोक दिया.
इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हल्की झड़प हुई. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया गया. बाद में कन्हैया कुमार और यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय भान को हिरासत में लेकर कोतवाली थाने ले जाया गया. हालांकि एक घंटे बाद दोनों को रिहा कर दिया गया.
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