गौरतलब है कि दिनेश कुमार अग्रवाल वही हैं जिन्होंने वाल्मीकिनगर संसदीय क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में लोकसभा चुनाव लड़ा था. अब उन पर गंभीर आरोप है कि वे विजेंद्र के साथ मिलकर बड़े टैक्स मामलों में रिश्वत के बदले अनुकूल निर्धारण आदेश दिलाने की डील कर रहे थे.
18 ठिकानों पर छापेमारी में मिले अहम सबूत
CBI ने इस मामले में पहले ही 6 फरवरी को दिल्ली, मुंबई, ठाणे, पश्चिम चंपारण, बेंगलुरु और केरल के कोट्टायम में छापेमारी की थी. इस दौरान टीम को कई आपत्तिजनक दस्तावेज, डिजिटल डाटा और रिश्वत के पुख्ता सबूत मिले थे.
CBI ने आयकर विभाग से मिली शिकायत के आधार पर जांच शुरू की थी. जांच में सामने आया कि आरोपी अधिकारी और उनके नेटवर्क के चार्टर्ड अकाउंटेंट, इंस्पेक्टर और अन्य सहयोगी मिलकर इस ‘फेसलेस’ योजना की आत्मा के खिलाफ काम कर रहे थे.
पारदर्शिता को धक्का, रिश्वतखोरी का खेल
भारत सरकार की फेसलेस योजना का मकसद था कि टैक्स निर्धारण में किसी भी प्रकार का व्यक्तिगत संपर्क न हो, जिससे भ्रष्टाचार पर लगाम लगे. लेकिन IRS अधिकारी विजेंद्र और दिनेश कुमार अग्रवाल इस पारदर्शिता को धता बताते हुए टैक्सदाताओं से मोटी रकम वसूल रहे थे.
आरोपियों पर दर्ज हुआ केस, कोर्ट में पेशी
CBI ने उप आयुक्त विजेंद्र, दो आयकर इंस्पेक्टर, 5 चार्टर्ड अकाउंटेंट, दिनेश अग्रवाल और अन्य अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून और भारतीय दंड संहिता की धाराओं में केस दर्ज किया है. गिरफ्तार आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से आगे की कार्रवाई जारी है.
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