प्रभात खबर ने 3 हजार से अधिक स्टूडेंट्स को किया सम्मानित, बिहार विधानसभा अध्यक्ष और डिप्टी सीएम ने सराहा

Celebration: प्रभात खबर प्रतिभा सम्मान समारोह में मंगलवार को 10वीं और 12वीं बोर्ड के टॉपर बच्चों को सम्मानित किया गया. पटना के एसके मेमोरियल सभागार में आयोजित एक भव्य समारोह में 3000 से अधिक छात्र-छात्राओं को मेडल और प्रशस्ति पत्र देकर पुरस्कृत किया गया.

By Radheshyam Kushwaha | June 17, 2025 6:46 PM
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Celebration: पटना. प्रभात खबर प्रतिभा सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बिहार विधानसभा के अध्यक्ष नंदकिशोर यादव और विशिष्ट अतिथि के रूप में डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने बच्चों की हौसलाअफजाई की और उन्हें पुरस्कृत किया. प्रतिभा सम्मान समारोह को मानव रचना विवि के कुलपति डा संजय श्रीवास्तव, शारदा विवि के निदेशक डा अजित कुमार, गोल के एमडी बिपिन सिंह, मेंटोर्स एडुसर्व के मेंटोर आनंद जायसवाल, इम्पैक्ट में डायरेक्टर मनीष कुमार, प्रभात खबर के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट विजय बहादुर और राज्य संपादक अजय कुमार ने भी संबोधित किया.

बेटे की तरह बेटियों को पढ़ाने में आगे आएं अभिभावक : नंदकिशोर यादव

सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए बिहार विधानसभा के अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने कहा कि बेटों की तरह बेटियों को भी पढ़ाने के लिए अभिभावकों को आगे आना चाहिए. हमें लड़का और लड़की में भेद नहीं रखना चाहिए. उन्होंने कहा कि बच्चों को चाहिए कि वह माता-पिता और अपने बड़ों को सम्मान दें. यादव ने कहा कि देश के विकास की जिम्मेदारी केवल सरकार की नहीं है. यह जवाबदेही समाज के हर वर्ग को लेनी होगी. उन्होंने 2047 के विकसित भारत के विजन का जिक्र करते हुए कहा कि हमें विकसित भारत बनाने की दिशा में सर्वश्रेष्ठ देना होगा. इसमें बच्चों की खास भूमिका होगी, क्योंकि उस दौर में यही बच्चे युवा होंगे. उनके कंधों पर राष्ट्र निर्माण की अहम जिम्मेदारी होगी. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि आपकी क्षमताएं असीमित हैं. आगे बढ़िए. खूब तरक्की करिए. खूब मन लगाकर पढ़िए. आप लोगों की मेहनत ही भविष्य में सम्मान दिलायेगी.

प्रतिभा के चहुंमुखी विकास के लिए वातावरण तैयार करने वाला समाज ही जीवंत माना जाता : विजय कुमार सिन्हा

इस मौके पर उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि विद्यार्थियों की प्रतिभा का सम्मान अच्छी परंपरा है. वह समाज जो अपनी प्रतिभाओं की समय पर पहचान करता है, उसे सही दिशा देता है, वही समाज प्रगति करता है. उप मुख्यमंत्री सिन्हा ने कहा कि बच्चों की प्रतिभा को तराशने वाले शिक्षक का भी सम्मान होना चाहिए. माता-पिता की भांति शिक्षक भी बिना किसी स्वार्थ के बच्चों को सर्वश्रेष्ठ करने की प्रेरणा देते हैं. विद्यार्थियों को चाहिए कि वह अपने माता-पिता और शिक्षकों को हमेशा सम्मान करें. इसके जरिये ही विद्यार्थी भारत की तरक्की और नैतिक उत्थान में योगदान दे सकेंगे. नया भारत उनकी तरफ बड़ी उम्मीदों से देख रहा है. 21वीं सदी भारत की है. भारत युवाओं का देश है. इसलिए युवाओं को अच्छी पढ़ाई करते हुए राष्ट्र, समाज, गांव और परिवार का मान बढ़ाना चाहिए. यही उनकी बड़ी उपलब्धि होगी.

21 वीं सदी के भारत में सकारात्मक बदलाव

विजय सिन्हा ने कहा कि 21 वीं सदी के भारत में सकारात्मक बदलाव हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि युवाओं को स्वामी विवेकानंद के विचारों को आत्म सात कर भारत को विश्व गुरु बनाने की दिशा में काम करना चाहिए. बच्चों को चाहिए कि उन्हें देश की संस्कृति और सभ्यता को जानें, उसकी अच्छी परंपराओं को आगे बढ़ाने की कोशिश करनी चाहिए. भारत महान देश है. हमें उसकी गौरवमयी परंपराओं को और मजबूत करने की जरूरत है. प्रतिभा सम्मान समारोह को मानव रचना विवि के कुलपति डा संजय श्रीवास्तव, शारदा विवि के निदेशक डा अजित कुमार, गोल के एमडी बिपिन सिंह, मेंटोर्स एडुसर्व के मेंटोर आनंद जायसवाल, इम्पैक्ट में डायरेक्टर मनीष कुमार, प्रभात खबर के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट विजय बहादुर एवं राज्य संपादक अजय कुमार ने भी संबोधित किया.

देश के उज्ज्वल भविष्य का आधार युवा पीढ़ी

प्रतिभा सम्मान समारोह में मानव रचना यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो संजय श्रीवास्तव ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि देश के उज्ज्वल भविष्य का आधार युवा पीढ़ी है. ऐसे समारोह न केवल विद्यार्थियों की मेहनत को मंच प्रदान करते हैं, बल्कि उन्हें यह भी संदेश देते हैं कि समाज उनके प्रयासों को मान्यता देता है. उन्होंने नवाचार, नैतिक मूल्यों और जिम्मेदारी के साथ आगे बढ़ने का आग्रह करते हुए कहा कि जब युवा अपने कौशल को सही दिशा में लगाते हैं, तो न केवल वे स्वयं सफल होते हैं, बल्कि राष्ट्र निर्माण में भी अहम भूमिका निभाते हैं.

कठिन परिश्रम को जीवन की आदत बनाने की सलाह

शारदा यूनिवर्सिटी के डॉ अजित कुमार ने शिक्षा में अनुशासन और निरंतरता के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि प्रतिभा स्वाभाविक होती है, लेकिन उसका विकास तब होता है जब उसे उचित वातावरण, मार्गदर्शन और समर्थन प्राप्त हो. उन्होंने छात्रों को कठिन परिश्रम को जीवन की आदत बनाने की सलाह दी और कहा कि परिणाम चाहे जब मिले, लेकिन प्रयास सच्चे होने चाहिए.

बिहार के युवाओं को बाहर जाने की जरूरत नहीं

इम्पैक्ट कॉलेज के निदेशक मनीष कुमार ने अपने संक्षिप्त लेकिन प्रभावशाली भाषण में कहा कि सफलता केवल नंबरों की यात्रा नहीं है, बल्कि यह आत्म-समर्पण, दृष्टिकोण और समाज में योगदान से भी परिभाषित होती है. उन्होंने कहा कि बिहार में शैक्षणिक वातावरण बेहतर हुआ है. बिहार के युवाओं को बाहर जाने की जरूरत नहीं है. इम्पैक्ट कॉलेजेज सभी कोर्स की पढ़ाई करा रहा है. सभी सुविधाओं के साथ राज्य के स्टूडेंट्स यहीं रह कर पढ़ाई कर सकते हैं. इम्पैक्ट कॉलेजेज इसी सत्र में बीटेक कोर्स लांच कर रहा है. सभी प्रक्रिया पूरी हो गयी है. 2025 से ही स्टूडेंट्स इम्पैक्ट से बीटेक व पॉलिटेक्निक की पढ़ाई कर सकते हैं. इसके साथ कॉलेज में सभी वोकेशनल कोर्स की पढ़ाई हो रही है. स्टूडेंट्स क्रेडिट कार्ड से एडमिशन ले सकते हैं. स्टूडेंट्स को स्कॉलरशिप की भी व्यवस्था है. उन्होंने छात्रों को यह समझने की प्रेरणा दी कि शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य केवल कैरियर बनाना नहीं, बल्कि एक जिम्मेदार और संवेदनशील नागरिक बनना है.

विद्यार्थियों को साहस की आदत डालने की सलाह

गोल के एमडी बिपिन सिंह ने कहा कि आज के छात्र बहुआयामी क्षमताओं से संपन्न हैं, जिन्हें अगर सही दिशा और अवसर मिलें तो वे वैश्विक स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकते हैं. गोल संस्थान सही दिशा दिलाने के लिए गोल टैलेंट सर्च एग्जाम भी कराता है, जिसका लाभ राज्य के कई स्टूडेंट्स ने उठाया है. उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए विद्यार्थियों को साहस, आत्म-विश्वास और निरंतर आत्ममूल्यांकन की आदत डालने की सलाह दी. उनके शब्दों ने उपस्थित छात्र-छात्राओं में एक नयी ऊर्जा का संचार किया.

जीवन में ‘उद्देश्य’ तय करने,“दृढ़ निश्चय’ बनाये रखने की सलाह

मेंटर्स एडुसर्व के निदेशक आनंद जायसवाल ने छात्र जीवन की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि यह वह समय होता है जब एक बीज रूपी सोच, वटवृक्ष में बदलने की नींव रखती है. उन्होंने छात्रों को जीवन में ‘उद्देश्य’ तय करने,“दृढ़ निश्चय’ बनाये रखने और इमानदारी से चलते रहने का मंत्र दिया. उन्होंने कहा कि जो लक्ष्य आप ने बनाया है उसे पाने के लिए मेहनत करें. अपना लक्ष्य सही समय पर तय कर लें. देर न करें. लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए लगातार मेहनत करें. घबराने की जरूरत नहीं है. लाइफ में सब बेहतर होगा.

चरित्र निर्माण और राष्ट्र निर्माण दोनों होना चाहिए

आइएसएम के चेयरमैन देवल सिंह ने अपने प्रेरणास्पद संबोधन में कहा कि “प्रतिभा को तभी निखारा जा सकता है जब उसे समय पर प्रोत्साहन और पहचान मिले. उन्होंने शैक्षणिक संस्थानों की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमें न केवल ज्ञान देना है, बल्कि छात्रों को नेतृत्व और सामाजिक उत्तरदायित्व की समझ भी विकसित करनी है. उनका संदेश था कि शिक्षा का अंतिम उद्देश्य चरित्र निर्माण और राष्ट्र निर्माण दोनों होना चाहिए.

प्रभात खबर कर रहा 21 वर्षों से प्रतिभाओं का सम्मान

प्रभात खबर के वाइस प्रेसिडेंट विजय बहादुर ने कहा कि प्रभात खबर 21 वर्षों से प्रतिभाओं का सम्मान कार्यक्रम बिहार, झारखंड, बंगाल के 70 जिलों में आयोजित करा रहा है. यह जिम्मेदारी भरा दायित्व है. प्रभात खबर सकारात्मक माहौल में एक जिम्मेदारी निभा रहा है. आप सभी स्टूडेंट्स ने बेहतर प्रदर्शन कर माता-पिता की आकांक्षाओं को बढ़ाया है. आने वाला समय आपका है. उसी अनुसार आप अपने कैरियर का चुनाव करें. मेडिकल, इंजीनियरिंग के आलावे भी कैरियर में बनाने के लिए अनेक फिल्ड है, जहां आप बेहतर कर सकते हैं. अपनी क्षमता के अनुसार कैरियर का चुनाव करें और आगे बढ़ें. अपने शिक्षकों के साथ-माता-पिता का हमेशा सम्मान करें. प्रतिभा सम्मान केवल एक सम्मान नहीं, बल्कि एक संकल्प है. नयी पीढ़ी की मेहनत, लगन और उम्मीदों को सलाम करने का.

पनी मिट्टी से जुड़कर विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा प्रदान करना है हमारी जिम्मेदारी

डॉ ओपी भल्ला ने फरीदाबाद में मानव रचना संस्थान की स्थापना 1997 में किया था. संस्थान के नाम में इसकी विशेषता साफ झलकती है. हम विद्यार्थियों को अपनी मिट्टी से जुड़कर बेहतर शिक्षा प्रदान करने को अपनी प्रथम जिम्मेदारी मानते हैं. यहां के विद्यार्थियों को खुद को बेहतर बनाने के साथ ही समाज विकास के लिए भी तैयार करते हैं. यूनिवर्सिटी के विद्यार्थी विभिन्न कोर्स की पढ़ाई करने के साथ ही सामाजिक दायित्व का भी बखूबी निर्वहन करते हैं. यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों ने बड़खल झील को अपनी मेहनत और लग्न से पुनर्जीवित करने में अहम योगदान दिया है. ये बातें मानव रचना यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो डॉ संजय श्रीवास्तव ने कही. उन्होंने बताया कि मानव रचना यूनिवर्सिटी में 135 से अधिक कोर्स संचालित किये जा रहे हैं. यूनिवर्सिटी एनआइआरएफ की रैकिंग में 100 के अंदर है. संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को मौजूदा दौर की डिमांड को देखते हुए स्किल्ड एजुकेशन मिलता है. विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों को मिलने वाली विभिन्न सुविधाओं पर पेश है प्रो डॉ संजय श्रीवास्तव से हुई बातचीत के अंश…

मानव रचना यूनिवर्सिटी का ही चयन क्यों करें विद्यार्थी?

मानव रचना यूनिवर्सिटी में विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने के साथ ही. उन्हें देश और समाज को विकसित करने के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है. इसके साथ ही विद्यार्थियों को मानवता का भी पाठ पढ़ाया जाता है. विश्वविद्यालय के डेंटल कॉलेज की टीम अलग-अलग इलाके में जाकर लोगों का निशुल्क उपचार करती है और जरूरतमंदों को डेंटल किट भी मुहैया कराती है. यह दर्शाता है कि पाठ्यक्रम के अलावा विद्यार्थियों को समाज की बेहतरी के लिए भी बखूबी अंदाज में तैयार किया जाता है. इसके साथ ही विद्यार्थियों को मौजूदा दौर की डिमांड के अनुसार अत्याधुनिक लैब में उभरती तकनीक से अवगत कराया जाता है.

न्यू एजुकेशन पॉलिसी के तहत विद्यार्थियों को क्या खास सुविधाएं प्रदान की गयी हैं?

न्यू एजुकेशन पॉलिसी के तहत हिंदी भाषी क्षेत्र आये विद्यार्थियों को हिंदी भाषा में प्रैक्टिकल और प्रशिक्षण दिया जाता है. इसके साथ एनइपी के तहत यूनिवर्सिटी में 85 प्रोग्राम के एक बास्केट भी विद्यार्थियों को ऑफर किये गये हैं. जिसमें विद्यार्थी अपनी सुविधा अनुसार कोर्स का चयन कर सकते हैं और पढ़ाई के माध्यम का चयन कर सकते हैं.

बिहार और झारखंड के विद्यार्थियों के लिए यूनिवर्सिटी में क्या है खास?

हर विद्यार्थी अपने साथ थोड़ा अपने राज्य की खूबसूरती और संस्कृति को खुद में समेट कर लाता है. उनकी इस खूबसूरती और संस्कृति को विश्वविद्यालय की ओर से बढ़ावा दिया जाता है. विश्वविद्यालय को नैक से ए प्लस प्लस ग्रेड प्राप्त है. इसके साथ बिहार के युवाओं को उच्च शिक्षा हासिल करने के लिये विश्वविद्यालय में स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड की भी सुविधा प्रदान की जाती है. हमारे स्कूल के एलुमिनाइ में भारत की प्रसिद्ध शूटर और जमुई की विधायक श्रेयसी सिंह के साथ ही कई नामचीन हस्तियों ने उच्च शिक्षा इसी विश्वविद्यालय से हासिल की है.

स्पोर्ट्स के क्षेत्र में विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों के लिए क्या खास सुविधा?

वैसे तो विश्वविद्यालय में विभिन्न स्पोर्ट्स में विद्यार्थियों को ट्रेनिंग दी जाती है. लेकिन शूटिंग के क्षेत्र में विश्वविद्यालय की अपनी खास पहचान है. विश्वविद्यालय में शूटिंग की ट्रेनिंग के लिये आउटडोर और इंडोर शूटिंग रेंज तैयार किया गया है. विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार सम्मान भी प्राप्त है. एफआइएसयू प्रतियोगिता में विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने कीर्तिमान रचा है.

छात्राओं के लिए विश्वविद्यालय में किस तरह की है सुविधा?

विद्यार्थियों की सेफ्टी हमारी प्राथमिकता है. खास कर छात्राओं को सेफ्टी के साथ ही यहां हाइजीन का भी खास ख्याल रखा जाता है. कैंपस में दो हजार लड़कियों के लिए हॉस्टल की सुविधा उपलब्ध है. इसके साथ ही बिना विश्वविद्यालय के आइडेंटिटी कार्ड के किसी को भी हॉस्टल कैंपस में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है. इसके अलावा विद्यार्थियों को कैंपस में ही मेडिकल फैसिलिटी की भी सुविधा प्रदान की जाती है. विद्यार्थियों का स्वास्थ्य का ख्याल रखते हुये मेस में विद्यार्थियों को ऑर्गेनिक अनाज व सब्जियां परोसी जाती है.

विद्यार्थियों के लिए आपने हाल ही में जो किताबें लिखी है उसकी मुख्य बातें क्या हैं?

मैंने किताब हर वर्ग के लोगों को ध्यान में रख कर लिखी है. गीता का शाश्वत ज्ञान व नेतृत्व की कला पुस्तक में गीता में बतायी गयी बातों से ही विद्यार्थियों को जीवन जीने की कला और जीवन में खुद को स्थापित करने के बारे में बताया है. इसमें सीखने, मुस्कुराने, पॉजिटिव थिंकिंग, इंप्रेशन, प्यार, सुनने की कला, पसंद करने की कला व अन्य बिंदुओ के साथ जीवन जीने को आसान और प्रभावशाली बनाने के बारे में बताया है.

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