One Nation-One Election पर पीएम मोदी को मिला चिराग का समर्थन, बोले- देश के लिए बहुत जरूरी

One Nation-One Election: केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने वन नेशन-वन इलेक्शन का समर्थन करते हुए कहा है कि हर दूसरे-तीसरे महीने देश के किसी न किसी राज्य में चुनाव के कारण उस राज्य के कामों को रोका जाता है, उससे उस राज्य और देश दोनों का नुकसान होता है.

By Paritosh Shahi | December 12, 2024 7:53 PM
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One Nation-One Election: केंद्रीय कैबिनेट ने गुरुवार को ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ से जुड़े विधेयक को मंजूरी दे दी है. संसद के चल रहे शीतकालीन सत्र में यह बिल संसद में पेश किया जा सकता है. यह बिल पूरे देश में एक चुनाव का मार्ग प्रशस्त करेगा. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मोदी सरकार बिल पर आम सहमति बनाना चाहती है. सरकार इस विषय पर विस्तृत चर्चा के लिए बिल को संयुक्त संसदीय समिति या जेपीसी के पास भेज सकती है. इस दौरान जेपीसी सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से चर्चा करेगी.

चिराग ने किया समर्थन

केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने वन नेशन-वन इलेक्शन के मुद्दे पर कहा, ‘वन नेशन-वन इलेक्शन देश के लिए बहुत जरूरी है. जिस तरह से हर दूसरे-तीसरे महीने देश के किसी न किसी राज्य में चुनाव होता है इस वजह से उस राज्य के कामों को रोका जाता है, उससे उस राज्य और देश दोनों का नुकसान होता है. इसी सोच के साथ वन नेशन-वन इलेक्शन को लाया जा रहा है. हर दूसरे-तीसरे महीनें जिस तरह से देश के किसी न किसी राज्य में चुनाव होते हैं, उससे उस राज्य के विकास कार्यों में गतिरोध पैदा होता है. कांग्रेस हर चीज का विरोध करती है. हर वो सोच जो पीएम मोदी द्वारा लाई जाती है. उसका कांग्रेस ने विरोध ही किया है. हालांकि जब देश आजाद हुआ था तो इसी सोच के साथ चुनाव करवाने की व्यवस्था को तैयार किया गया था कि 5 साल तक राज्य और देश दोनों की सरकारें चलेंगी.’

संजय जयसवाल ने कांग्रेस से किया सवाल

भाजपा सांसद संजय जयसवाल ने इस मुद्दे पर कहा, ‘वन नेशन-वन इलेक्शन बहुत अच्छा बिल है और यह कोई नया प्रयोग नहीं है. हमारे संविधान निर्माताओं ने जब संविधान की रचना की थी उसके बाद 1970 तक सभी चुनाव एक साथ ही होते थे. इंदिरा गांधी के समय में ये परंपरा टूटी. साल भर चुनाव होने से सभी कुछ प्रभावित रहता है. चुनाव केवल एक राज्य का नहीं होता. जैसे हरियाणा के चुनाव में बिहार के 50% वरिष्ठ अधिकारी पर्यवेक्षक बने थे. सभी सदस्यों को एक साथ मिलकर इस बिल के प्रारूप पर चर्चा करनी चाहिए और इससे सहमत होना चाहिए जिससे हम साल भर होने वाले चुनाव से बच सकें. जब संविधान बनाया गया तो सभी चुनाव एक साथ होते थे. कल संविधान पर चर्चा है. राहुल गांधी को जरूर बताना चाहिए कि क्या हमारे संविधान निर्माताओं ने भूल की थी?’

पप्पू यादव बोले- हड़बड़ी क्या है?

वन नेशन-वन इलेक्शन के मुद्दे पर पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने कहा, ‘वन नेशन-वन इलेक्शन लाने की इतनी हड़बड़ी क्या है? संवैधानिक दायित्वों का आप निर्वाह करते नहीं. EVM पर चर्चा होनी चाहिए लेकिन वो नहीं की जा रही है. पूंजीपतियों का आधिपत्य राजनीतिक जीवन में और लोकतांत्रिक मूल्यों में बढ़ता जा रहा है. जरूरी यह है कि हम चुनाव को पारदर्शी बनाए. वन नेशन-वन इलेक्शन कभी सफल नहीं होगा. अगर सरकार गिर गई तो क्या आप 5 साल सरकार बनाने का इंतजार करेंगे?. मुझे लगता है कि देश के लिए यह निर्णय सही नहीं है.’

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