CM Nitish Kumar: बिहार में बढ़ गया मुखियाजी का पावर, पंचायती राज व्यवस्था से जुड़ी 6 बड़ी घोषनाएं जानिए…
CM Nitish Kumar: बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पंचायती राज व्यवस्था से जुड़ी 6 बड़ी घोषनाएं कर दी है. खासकर मुखियाजी के पावर को बढ़ा दिया है. इससे अलावा भी कई अन्य महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई है.
By Preeti Dayal | June 12, 2025 1:31 PM
CM Nitish Kumar: बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पंचायती राज व्यवस्था से जुड़ी 6 बड़ी घोषनाएं कर दी है. खासकर मुखियाजी के पावर को बढ़ा दिया गया है. दरअसल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित ‘संवाद’ में पंचायती राज व्यवस्था के तहत ग्राम पंचायत, पंचायत समिति एवं जिला परिषद् के प्रतिनिधियों के शिष्टमंडल के साथ बैठक की. बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि, बहुत खुशी की बात है कि पंचायती राज व्यवस्था के तहत ग्राम पंचायत, पंचायत समिति एवं जिला परिषद् के प्रतिनिधियों के शिष्टमंडल के साथ बैठक आयोजित की गयी है. मुख्य सचिव एवं विभागीय पदाधिकारियों के द्वारा आपकी मांगों से हमें अवगत कराया गया है. आपकी अधिकतर मांगों के संबंध में पंचायती राज विभाग नियमानुसार कार्रवाई कर रहा है, उनमें से जो आपकी महत्वपूर्ण मांग है, उनके संबंध में मैं घोषणा करता हूं.
पंचायती राज व्यवस्था से जुड़ी ये हैं 6 बड़ी घोषनाएं…
ग्राम पंचायतों के मुखिया को मनरेगा योजना में अब तक 5 लाख रूपये तक की योजनाओं की प्रशासनिक स्वीकृति की शक्ति प्राप्त है. इस सीमा को बढ़ाकर 10 लाख रूपये तक करने का आदेश दिया गया.
पंचायती राज संस्थाओं के सभी स्तर के प्रतिनिधियों के मासिक भत्ता को डेढ़ गुणा बढ़ाने का आदेश.
यह लक्ष्य रखा गया है कि, राज्य के सभी ग्राम पंचायतों में इस वर्ष होने वाले चुनाव से पहले पंचायत सरकार भवन बनकर तैयार हो जाये. इसके लिए राज्य सरकार के द्वारा शेष बचे 1069 नये पंचायत सरकार भवनों की भी स्वीकृति दे दी गयी है. इन स्वीकृत पंचायत सरकार भवनों के निर्माण का जिम्मा ग्राम पंचायत को देने का आदेश दिया गया. इसके लिए जमीन यदि मुख्यालय वाले गांव में नहीं है तो पास वाले गांव में भी जमीन ली जा सकती है. जल्द ही जमीन का चयन कर काम शुरू कर समय से पहले पंचायत सरकार भवन निर्माण का कार्य पूरा करने का आदेश दिया.
पंचायत प्रतिनिधियों के शस्त्र अनुज्ञप्ति के आवेदन को जिला पदाधिकारी निर्धारित समय सीमा के अंदर नियमानुसार निष्पादित करने की कार्रवाई करेंगे.
पंचायत प्रतिनिधियों को पहले केवल आकस्मिक मृत्यु होने पर ही 5 लाख रूपये का अनुग्रह अनुदान की राशि दी जाती थी, अब पंचायत प्रतिनिधियों के अपने कार्य काल में सामान्य मृत्यु होने पर भी 5 लाख रुपये का अनुग्रह अनुदान देने का आदेश दिया गया. साथ ही, यदि पंचायत प्रतिनिधि, बीमारी से ग्रसित होते हैं तो उन्हें भी मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष से स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने का आदेश दिया जा रहा है.
त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं द्वारा उन्हें प्राप्त 15वें वित्त आयोग एवं राज्य वित्त आयोग की राशि का उपयोग में तेजी लाने के लिये 15 लाख रूपये तक की योजनाओं का कार्यान्वयन विभागीय तौर पर किया जा सकेगा.
महिलाओं के आरक्षण पर कही बात
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने यह भा कहा कि, वर्ष 2006 में पंचायती राज संस्थाओं एवं वर्ष 2007 में नगर निकाय के चुनावों में महिलाओं को 50 प्रतिशत का आरक्षण दिया गया. हमलोगों ने महिलाओं के उत्थान के लिये काफी कार्य किया है. बड़ी संख्या में महिलायें प्रतिनिधि बनकर समाज में नेतृत्व कर रही हैं. सभी वर्गों के विकास के लिये हमलोगों ने काम किया है. हम हमेशा प्रतिनिधियों से मिलते रहते हैं. बचे हुये पंचायत सरकार भवन जल्द से जल्द बनकर तैयार हो जायेगा, जिसमें सारी व्यवस्थायें की गयी हैं. इसका लाभ पंचायत के लोगों को मिलेगा और जनप्रतिनिधियों को भी समस्याओं के समाधान में सहूलियत मिलेगी.
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