गांव-गांव तक होगी कंप्यूटर की उपलब्धता
ACS डॉ. एस सिद्धार्थ ने बताया कि शिक्षा विभाग की कोशिश है कि ऑनलाइन शिक्षा की पहुंच अब सिर्फ शहरी क्षेत्रों तक ही सीमित नहीं रहे, बल्कि इसकी पहुंच अब सभी दूरदराज इलाकों तक पहुंचे. गांव में रहकर पढ़ाई करने वाले बच्चों को ध्यान में रखते हुए कंप्यूटर शिक्षा संबंधी पाठ्यक्रम को जोड़ने का फैसला लिया गया है. उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग प्रारंभिक विद्यालयों में बच्चों को कंप्यूटर शिक्षा उपलब्ध कराने हेतु बजट में भी राशि का प्रावधान करने जा रही है. बजट सत्र के दौरान इसका ऐलान हो सकता है.
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शिक्षा विभाग की प्लानिंग
- बच्चों को पढ़ाने के लिए सभी स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षक नियुक्त किए जाएंगे.
- मध्य विद्यालयों में भी बच्चों को कंप्यूटर पढ़ाने के लिए शिक्षक और एक्सपर्ट भी रखे जाएंगे.
- फर्स्ट फेज में छठी, सातवीं और आठवीं कक्षा के छात्र-छात्राओं को कंप्यूटर शिक्षा दी जाएगी.
- सेकंड फेज में तीसरी, चौथी और पांचवीं कक्षा के बच्चों को कंप्यूटर के बारे में बेसिक शिक्षा दी जाएगी.
- सेकंड फेज में सभी 40,566 प्राथमिक विद्यालयों में कंप्यूटर शिक्षा को लागू किया जाएगा.
- इस निर्णय से बिहार के सभी 71,863 प्राइमरी और मध्य विद्यालयों के बच्चे एमएस ऑफिस, माइक्रोसॉफ्ट वर्ड, एक्सेल और पावर पाइंट की जानकारी हासिल कर सकेंगे.
- शिक्षा विभाग विद्यालयों में बच्चों को कंप्यूटर की शिक्षा देने के लिए मानदेय पर एक्सपर्ट भी रखेगी. विभाग के इस कदम से सरकारी विद्यालयों में पढ़ाई कर रहे एक करोड़ से ज्यादा बच्चे कंप्यूटर शिक्षा का लाभ उठा सकेंगे.
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