युवाओं को जोड़ने की कोशिश
इस यात्रा के दौरान कांग्रेस बेरोजगारी, बीपीएससी पेपर लीक और बिहार से पलायन जैसे मुद्दों को उठाकर युवाओं को पार्टी से जोड़ने की कोशिश करेगी. इस यात्रा से पहले 12 मार्च को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी बिहार के नेताओं के साथ बैठक करेंगे, जिसमें यात्रा को औपचारिक मंजूरी दी जाएगी. इस दौरान विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की रणनीति, आरजेडी के साथ सीट तालमेल जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हो सकती है.
कन्हैया कुमार की राजनीतिक वापसी?
इस यात्रा में कन्हैया कुमार की अहम भूमिका होने के कारण इसे बिहार की राजनीति में उनकी वापसी के तौर पर देखा जा रहा है. पहले माना जा रहा था कि कन्हैया दिल्ली की राजनीति में ही सक्रिय रहेंगे, लेकिन अब वे बिहार में अपनी पकड़ मजबूत करने की तैयारी में हैं. सूत्रों का कहना है कि विधानसभा चुनाव से पहले कन्हैया कुमार को बिहार में कोई बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है. कन्हैया कुमार सोमवार को पटना आ रहे हैं. इसे लेकर एक पोस्टर भी जारी किया गया है, जिसमें लिखा है, ‘बिहार की उम्मीद कन्हैया कुमार का हार्दिक स्वागत. ‘
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बिहार में कांग्रेस की सक्रियता बढ़ी
यह यात्रा न सिर्फ कांग्रेस के लिए चुनावी जमीन तैयार करेगी बल्कि विपक्षी दलों की रणनीति पर भी असर डाल सकती है. दरअसल, लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद कांग्रेस ने बिहार में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है. यही वजह है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी पिछले दो महीने में दो बार बिहार का दौरा कर चुके हैं. इधर, पार्टी के नवनियुक्त प्रभारी कृष्णा अलावरू और महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा भी बिहार में लगातार सक्रिय हैं.
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