पीड़ित को तुरंत राहत दे सकें, ऐसे टूल्स बनाएं : एडीजी

साइबर अपराध के बढ़ते खतरे के बीच तकनीक के सहारे त्वरित समाधान की दिशा में बिहार ने एक नया प्रयोग किया है.

By RAKESH RANJAN | June 26, 2025 1:51 AM
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संवाददाता, पटना साइबर अपराध के बढ़ते खतरे के बीच तकनीक के सहारे त्वरित समाधान की दिशा में बिहार ने एक नया प्रयोग किया है. आर्थिक अपराध इकाई, बिहार ने सी-डेक पटना के सहयोग से बुधवार को साइबर हैकाथन 2025 की शुरुआत की, जिसमें देशभर से चुनी गयी 14 टीमों को 24 घंटे में वास्तविक साइबर अपराध संबंधी समस्याओं का तकनीकी समाधान प्रस्तुत करना है. कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए एडीजी (आर्थिक अपराध इकाई) नैयर हसनैन खान ने कहा कि हमें ऐसे डिजिटल टूल्स की जरूरत है, जो आम आदमी को त्वरित राहत दे सके. तकनीक का प्रयोग अब केवल निगरानी या डिटेक्शन तक सीमित नहीं रह सकता. यह पीड़ित की सहायता का सशक्त माध्यम बनना चाहिए. उन्होंने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए उन्हें समाजहित में नवाचार करने और पीड़ित केंद्रित (विक्टिम सेंट्रिक ) समाधान विकसित करने के लिए प्रेरित किया. प्रतिभागियों को 24 घंटे का समय दिया गया है, जिसमें वे अपने प्रस्तावित समाधान को तकनीकी प्रारूप में प्रस्तुत करेंगे. उद्घाटन समारोह में टीम लीडरों ने मंच पर अपने नवाचारों की रूपरेखा साझा की. खान ने कहा कि हैकाथॉन में प्रस्तुत नवाचारों को आगे चलकर साइबर शाखा की कार्यप्रणाली में शामिल किया जायेगा, जिससे आम लोगों को तेजी से राहत और न्याय मिल सकेगा. समारोह में सी -डेक पटना के निदेशक आदित्य कुमार सिन्हा, डीआइजी (साइबर) संजय कुमार, डीआइजी मानवजीत सिंह ढिल्लों, एसपी अमरकेश डी, विनय तिवारी, राजेश कुमार, पंकज कुमार समेत आर्थिक अपराध इकाई व सी-डेक के तकनीकी विशेषज्ञ उपस्थित रहे.

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