Cyber Crime: पुराना फोन बेचते हैं, तो हो जाएं सावधान! साइबर ठगों का नया जाल, निकाल रहे पुराना डेटा

Cyber Crime: डिजिटल जमाने में पुराने मोबाइल फोन बेचना आम हो गया है, लेकिन यह आपकी निजी जानकारी के लिए बड़ा खतरा बन सकता है. साइबर अपराधी पुराने फोन से डेटा रिकवर कर ठगी और ब्लैकमेलिंग जैसी वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. इससे सतर्क रहना बेहद जरूरी है.

By Paritosh Shahi | July 26, 2025 8:12 PM
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Cyber Crime: आज के डिजिटल युग में हर महीने नए मोबाइल फोन आ रहे हैं, ऐसे में पुराना फोन बेचना आम बात हो गई है. लेकिन सावधान! यह आपके लिए बड़ा खतरा बन सकता है. मुजफ्फरपुर और उत्तर बिहार के जिलों में साइबर अपराधी पुराने फोन का इस्तेमाल कर लोगों की निजी जानकारी चुरा रहे हैं, जिससे साइबर अपराध के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. पिछले छह महीनों में इस तरह की ठगी के दर्जनों मामले सामने आए हैं, जिनमें लोगों ने अपने पुराने फोन बेचने के बाद लाखों रुपये गंवा दिए हैं.

सस्ते में खरीदकर करते हैं डेटा रिकवर, फिर करते हैं ठगी

जानकारी के अनुसार, साइबर अपराधी पुराने फोन को सस्ते दामों पर खरीदते हैं और फिर उन्हें साइबर अपराध से जुड़े लोगों को बेच देते हैं. ये अपराधी फोन को ”फैक्ट्री रीसेट” करने के बाद भी विशेष सॉफ्टवेयर का उपयोग कर पुराने डेटा को रिकवर कर लेते हैं. उत्तर बिहार के कई जिलों में यह गिरोह सक्रिय है और खासकर उन लोगों को निशाना बनाता है जो तकनीकी रूप से ज्यादा जानकार नहीं होते.

साइबर सेल के अधिकारियों ने बताया कि कई मामलों में अपराधियों ने पुराने फोन के आइएमइआइ नंबर का इस्तेमाल कर फर्जी सिम कार्ड और अकाउंट्स बनवाए हैं, जिससे उन्हें पकड़ना मुश्किल हो रहा है.

खतरनाक है यह डेटा रिकवरी, निजी जानकारी का हो रहा दुरुपयोग

एक बार डेटा रिकवर होने के बाद, साइबर अपराधी आपके बैंकिंग ऐप्स की जानकारी, सोशल मीडिया अकाउंट्स के पासवर्ड और आपकी निजी तस्वीरें व वीडियो चुरा लेते हैं. इस संवेदनशील जानकारी का इस्तेमाल ब्लैकमेलिंग, बैंक अकाउंट से पैसे निकालने और यहां तक कि फर्जीवाडे के लिए भी किया जा रहा है.

बंगाल का फेरीवाला गांव-गांव घूमकर खरीदता है पुराने मोबाइल

मुजफ्फरपुर सहित उत्तर बिहार के अलग-अलग जिलों में पश्चिम बंगाल का एक लड़का फेरीवाला बनकर घूमता है. वह घरेलू सामान के बदले टूटे-फूटे व पुराने मोबाइल फोन खरीदता है. हैरानी की बात यह है कि ये फोन कहां ले जाए जाते हैं और किसे बेचे जाते हैं, इसकी जानकारी न तो जिला पुलिस के पास है और न ही इस पर कोई जांच होती है. जबकि कई बडे साइबर फ्रॉड का जाल पश्चिम बंगाल से जुडा है. आशंका है कि इन्हीं पुराने मोबाइल फोन के आईएमईआई का इस्तेमाल साइबर फ्रॉड में किया जा रहा है.

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मोबाइल बेचने से पहले इन बातों का रखें ध्यान

अपने पुराने मोबाइल फोन को बेचने से पहले कुछ सावधानियां बरतनी बेहद जरूरी हैं, ताकि आप साइबर ठगी का शिकार होने से बच सकें:

फैक्ट्री रीसेट के बाद भी रहें सतर्क: सिर्फ फैक्ट्री रीसेट करना काफी नहीं है. फोन बेचने से पहले उसमें कुछ बडी फाइलें (जैसे बडी वीडियो फाइलें) भरें और फिर से फैक्ट्री रीसेट करें, ताकि पुराना डेटा पूरी तरह से मिट जाए और रिकवर न हो सके.

सभी अकाउंट से लॉग आउट करें: गूगल, फेसबुक, वॉट्सऐप और बैंकिंग ऐप्स सहित सभी अकाउंट से लॉग आउट किए बिना फोन न बेचें.

सिम और मेमोरी कार्ड निकालें: फोन से सिम कार्ड और मेमोरी कार्ड निकालना कभी न भूलें. यह सुनिश्चित करें कि कोई भी व्यक्तिगत डेटा फोन में न रह जाए.

विश्वसनीय दुकान से बेचें: यदि आप अपना फोन बेच रहे हैं, तो किसी विश्वसनीय दुकान या प्रमाणित ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का ही इस्तेमाल करें, जहां डेटा सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाता हो.

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