सामने वाले की स्थानीय भाषा में करते हैं बात
जानकारी के अनुसार, ये ठग +91 के अलावा दूसरे कोड वाले नंबरों से कॉल करते हैं. अगर किसी को इन कोड के बारे में पता नहीं होता, तो वो कॉल उठा लेता है. फिर ठग उससे उसकी भाषा में बात करके विश्वास जीत लेते हैं. लोगों को लगता है कि कॉल किसी जान-पहचान वाले का है. इसलिए वो अपना बैंक और आधार कार्ड की जानकारी दे देते हैं. इसके बाद ठग उनके खातों से पैसे चुरा लेते हैं. संचार विभाग ने लोगों से अपील की है कि ऐसे नंबरों से आने वाले कॉल न उठाएं.
मैथिली में ऐसे लुभाते हैं
● हम अहांक गांव से बजैत छी, हमरा पांच हजार रुपया चाहि, भेज दिए
● अहांक दादी के पेंशन के पैसा अहांक खाता में भेज रहल छी, ओटीपी बताउ
● अहांक एटीएम छह महीने में खत्म भ जैत, एटीएम कार्ड के नंबर बताउ
● अबर देश घूम के लेल अहांक लॉटरी निकलल या, अपन जानकारी भेजूत टिकट भेजअ के आगू के प्रक्रिया हेत
क्या कह रहे अधिकारी
बिहार-झारखंड के संचार विभाग के डीजी बाबू राम ने कहा कि कई देशों से साइबर फ्रॉड के कॉल आते हैं. सबसे ज्यादा सऊदी अरब और पाकिस्तान से ऐसे फोन कॉल आते हैं. इसमें आम लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि भारत का फोन कोड प्लस 91 है. इस कोड के अलावा किसी भी कोड का फोन आए तो उसे बिल्कुल नहीं उठाना चाहिए. उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे सावधान रहें और किसी भी अनजान नंबर से अपनी निजी जानकारी शेयर न करें. यह आपकी सुरक्षा के लिए बहुत जरूरी है. अगर आपको कोई भी संदिग्ध कॉल आता है, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें. ताकि समय रहते ऐसे अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई हो सके.
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