साइबर फ्रॉड पर लगाम कसेगा बिहार पुलिस का विशेष कमांडो विंग, ईओयू देगी विशेष ट्रेनिंग

Cyber ​​Fraud : पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों से वैसे पुलिसकर्मियों के नाम मांगे हैं जो इस खास टीम का हिस्सा बनना चाहते हैं. साइबर कमांडों विंग में शामिल होने के लिए पुलिस वालों को स्क्रीनिंग टेस्ट से गुजरना होगा. उसमें पास होने के बाद ही उनका चयन हो सकेगा.

By Ashish Jha | November 25, 2024 2:24 PM
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Cyber Fraud : पटना. साइबर अपराध के बढ़ते मामलों को देख अपराधियों से निपटने की सख्त तैयारी चल रही है. इसके लिए साइबर कमांडो विंग स्थापित करेगी. गृह मंत्रालय की इस पहल पर बिहार में तैयारी शुरू कर दी गई है. पुलिस मुख्यालय ने भागलपुर सहित सभी जिलों से वैसे पुलिसकर्मियों के नाम मांगे हैं जो इस खास टीम का हिस्सा बनना चाहते हैं. साइबर कमांडों विंग में शामिल होने के लिए पुलिस वालों को स्क्रीनिंग टेस्ट से गुजरना होगा. उसमें पास होने के बाद ही उनका चयन हो सकेगा.

टीम में शामिल होने के लिए पास करना होगा टेस्ट

पुलिस मुख्यालय ने टेस्ट के लिए एक सिलेबस भी तैयार किया है. उस सिलेबस के अनुसार ही पुलिसकर्मियों को आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) तैयारी कराएगी. यही वजह है कि इस खास टीम में शामिल होने के लिए उन पुलिसकर्मियों को प्राथमिकता दी जा रही है, जो आईटी सिक्योरिटी और डिजिटल फोरेंसिक क्षेत्र के जानकार हों. जिलों से पुलिसकर्मियों के नाम मुख्यालय जाने के बाद उनकी तैयारी शुरू करा दी जाएगी. उसके बाद उनका नाम गृह मंत्रालय को भेजा जाएगा, ताकि उनके लिए स्क्रीनिंग टेस्ट का आयोजन किया जा सके.

किसी भी स्तर के पुलिस वाले हो सकते हैं शामिल

साइबर कमांडो विंग में किसी भी स्तर के पुलिस वाले शामिल हो सकते हैं. पदाधिकारी और पुलिसकर्मियों के लिए स्क्रीनिंग टेस्ट का आयोजन होगा. राज्य के 13 जिलों ने उस टीम में शामिल होने के इच्छुक पुलिसकर्मियों के नाम मुख्यालय को भेज दिए हैं. जिन जिलों ने नाम भेजे हैं उनमें लखीसराय, पूर्णिया, खगड़िया, पटना, मोतिहारी, बक्सर, सीतामढ़ी, बेतिया, मुजफ्फरपुर, भोजपुर, सुपौल, समस्तीपुर और जमालपुर रेल जिला शामिल हैं. पुलिस मुख्यालय से आर्थिक अपराध इकाई के अधिकारी ने बाकी जिलों को लिखा है और जल्दी ही मनोनयन के लिए पुलिसकर्मियों के नाम भेजने को कहा है, ताकि उस लिस्ट को गृह मंत्रालय को भेजा जा सके.

क्या है साइबर क्राइम

साइबर क्राइम की बात करें तो उसके तहत कंप्यूटर से जुड़े अपराध जिनमें कंप्यूटर सिस्टम या नेटवर्क तक अवैध तरीके से पहुंच, वहां डेटा चोरी करना, साइबर बुलिंग यानी किसी की अश्लील तस्वीर या कमेंट को वायरल करना, साइबर स्टॉकिंग यानी डिजिटल माध्यम से किसी की इज्जत से खिलवाड़ करना, बायोमीट्रिक अंगूठे के निशान का दुरुपयोग, किसी व्यक्ति की सहमति के बिना उनकी निजी क्षेत्र की छवि को कैप्चर आदि घटनाओं को शामिल किया जाता है.

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