संवाददाता,पटना नयी जनगणना के बाद ही लोकसभा और विधानसभा की सीटों का परिसीमन होगा. फिलहाल वर्ष 2021 में होनेवाली जनगणना का काम कोरोना के स्थगित कर दिया गया है. अभी जनगणना कराने की कोई चर्चा भी नहीं हैं. इधर लोकसभा और विधानसभा की सीटों के परिसीमन को लेकर राजनीतिक दलों में चर्चाएं जारी हैं. वर्तमान में लोकसभा और विधानसभा की सीटों की संख्या वर्ष 1971 की जनगणना के आधार पर निर्धारित की गयी है. इन सीटों में किसी भी प्रकार का बदलाव 2026 के बाद ही संभव होगा. वह भी तब जब 2026 के बाद पहली जनगणना करा ली जाये. परिसीमन के लिए आवश्यक है कि संसद द्वारा नये परिसीमन अधिनियम पास कर आयोग का गठन किया जाये. नया परिसीमन आयोग पांचवा होगा. इसका गठन संसद के अधिनियम से ही होगा. अभी तक ऐसे आयोग के लिए कोई बिल संसद से पारित ही नहीं किया गया है. दक्षिण भारत के राजनीतिक दलों द्वारा जनसंख्या में हुए बदलाव को लेकर उनके राज्यों में लोकसभा की कम सीटों को लेकर आपत्ति जतायी जा रही है. इसके अलावा नये परिसीमन के आधार पर महिला आरक्षण को भी लागू किया जाना है. हालांकि वर्तमान में परिसीमन आयोग अधिनियम 2002 के आधार पर ही लोकसभा और विधानसभा की सीटों का पुनर्निर्धारण किया गया है. इस अधिनियम के आधार पर आयोग की रिपोर्ट 2008 में प्रकाशित की गयी और तब से उसके आधार पर चुनाव कराया जा रहा है. इसमें सीटों की संख्या में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है.
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