विधि संवाददाता, पटना: पटना हाइकोर्ट ने पटना शहर के दक्षिणी भाग की सड़कों की दयनीय और बदहाल स्थिति को गंभीरता से लेते हुए पटना नगर निगम से चार सप्ताह में जवाब दायर कर स्थिति स्पष्ट करने को कहा है. जस्टिस आलोक कुमार सिन्हा की एकलपीठ ने गुरुवार को हाइकोर्ट की अधिवक्ता मयूरी द्वारा इस मामले को लेकर दायर याचिका की सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया. अधिवक्ता मयूरी ने कोर्ट को बताया कि जहां पटना को स्मार्ट सिटी बनाये जाने की प्रशासनिक तैयारियां हो रही हैं, वहीं दक्षिणी पटना की सड़कों की हालत ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों से भी गयी गुजरी है. यह क्षेत्र सड़क और जलनिकास जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है. दक्षिणी पटना के वार्ड नंबर 13 में वृंदावन कॉलोनी है, जहां की सड़कों की हालत खस्ता हैं. इन सभी सड़कों के निर्माण के लिए वर्ष 2020 -21 में टेंडर जारी कर दिया गया था. लेकिन, इन सड़कों का निर्माण कार्य अब तक पूरा नहीं हो पाया है. इसका खामियाजा यहां रहने वाले नागरिकों को भुगतना पड़ रहा है. पटना नगर निगम द्वारा बताया गया कि वर्ष 2020 से धन की कमी के कारण ही पटना नगर निगम क्षेत्र की सड़कों के निर्माण में विलंब हो रहा है. प्रावधानों के अनुसार सड़क निर्माण और उसके लिए धन की व्यवस्था करना निगम का बुनियादी कार्य है. इस संबंध में संबंधित कार्यालय में आवेदन दिया गया था. संबंधित अधिकारी ने इसे एक माह में बनाने का निर्देश दिया था, लेकिन एक साल बाद भी कार्य शुरू नहीं हुआ. कार्य बाद में प्रारंभ हुआ.
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