संवाददाता, पटना : हाइकोर्ट के निर्देशों को लागू करवाने के लिए पटना हाइकोर्ट के मुख्य द्वार पर बुधवार को दोपहर में लोगों ने प्रदर्शन किया. लोगों की मांग फॉरेस्ट राइट एक्ट के अनुसार पट्टा देने में हुई गड़बड़ी से संबंधित मामलों में कलेक्टर से जांच के निर्देशों को जल्द पूरा करने से था. विदित हो कि सीलिंग के 83 मामले प चंपारण जिले के समाहर्ता कोर्ट, अपर समाहर्ता कोर्ट और तीन एसडीओ कोर्ट में दो-तीन दशकों से लंबित हैं. चार केस बीएलटी, पटना में चल रहे हैं. सुनवाई व न्याय में विलंब के कारण भूधारी वाद में सन्निहित भूमि का अवैध हस्तांतरण कर उसका स्वरूप बदलते जा रहे हैं. न्याय में विलंब से कमजोर वर्गों के हित में बना एक अन्य कानून वन अधिकार अधिनियम 2006 भी प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार है. गया जिले में वन भूमि के पट्टे के लिए प्रस्तुत 450 दावा पत्रों पर कार्रवाई करने के संबंध में पटना हाइकोर्ट के दिये गये निर्देश के बावजूद आज तक वन भूमि का पट्टा नहीं मिला. प्रदर्शन में शामिल लोगों की मांग थी कि कानून के अनुसार इन आवेदनों को जायज समय के अंदर हल किया जायेगा. हम नहीं चाहते हैं कि अंतरिम ऑर्डर के यथास्थिति के आदेश को बढ़ा दिया जाये परंतु हम विश्वास करेंगे कि अधिकारी लोगों को बेदखल करने की जल्दबाजी नहीं करेंगे और कानून के अनुसार ही काम करेंगे.
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