बिहार सरकार ने खोला राज
बिहार सरकार ने बताया कि बार्डर इलाके में आसमान में चमकती चीज ड्रोन नहीं है. सरकार ने बताया कि यह ड्रोन नहीं बल्कि स्टारलिंक का लो-ऑर्बिट सैटेलाइट है. स्टारलिंक अमेरिकी उद्योगपति एलन मस्क की कंपनी है, जो अंतरिक्ष संबंधी काम करती है. स्टारलिंक ने नई सैटेलाइट सेवा शुरू की है, जिसका मकसद लोगों को हाई स्पीड इंटरनेट प्रदान करना है. भारत में जियो और एयरटेल दोनों कंपनियों ने स्टारलिंक से करार किया है, जिससे कि वे अपने उपयोगकर्ताओं को बेहतर सेवा दे पायें.
क्या है सैटेलाइट ट्रेन
एलन मस्क की कंपनी स्पेस एक्स ने स्टारलिंक प्रोजेक्ट शुरू किया है, जिसका मकसद है कि पूरी दुनिया में हाई-स्पीड इंटरनेट उपलब्ध कराया जा सके. इससे मोबाइल कंपनियों को टावर लगाने की जरूरत नहीं होगी और सेटेलाइट के जरिये मोबाइल सेवा मिलेगी. इस प्रोजेक्ट के तहत हजारों छोटे सैटेलाइट्स को पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजा जा रहा है. जब ये सैटेलाइट्स एक साथ लॉन्च होते हैं, तो कुछ दिनों तक वे एक-सी लाइन में, एक समान दूरी पर चलते हुए दिखते हैं. उन्हें स्टारलिंक सैटेलाइट ट्रेन कहा जाता है.
बन गया था दहशत का माहौल
बताया जाता है कि स्टारलिंक के सैटेलाइट सूरज की रोशनी को परावर्तित करते हैं, इसलिए सूरज छिपने के थोड़ी देर बाद या सूर्योदय से पहले यह दिख जाते हैं. यह नज़ारा कुछ मिनटों के लिए ही दिखता है और फिर धीरे-धीरे गायब हो जाता है. बिहार के मधुबनी जिले समेत दूसरे पर बीते दो-तीन दिनों से चमकीली चीजें आसमान में दिखाई दे रही हैं. पहले इन्हें ड्रोन माना जा रहा था, जिससे नेपाल सीमा से सटे इलाकों में दहशत का माहौल बना हुआ था.
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