Election 2024: हम राम के पूजारी है उनकी तरह व्यापारी नहीं हैं, पढ़िए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने क्यों कही ये बात…

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ अखिलेश प्रसाद सिंह ने लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर प्रभात खबर से खास बातचीत में कहा कि हम तो राम के पुजारी हैं, लेकिन कुछ लोग राम के नाम पर व्यपार करते हैं.

By RajeshKumar Ojha | May 8, 2024 4:45 AM
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Election 2024 प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ अखिलेश प्रसाद सिंह ने लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर प्रभात खबर से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने विभिन्न मुद्दों का जवाब दिया. राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक हालात, महंगाई, बेरोजगारी सहित सभी मुद्दों पर उन्होंने खुल कर बातचीत की. प्रस्तुत है ब्यूरो के वरिष्ठ संवाददाता शशिभूषण कुंवर द्वारा कांग्रेस के प्रदेश से की गयी बातचीत के प्रमुख अंश.

प्रश्न : लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस के सामने क्या-क्या चुनौतिया हैं?

उत्तर:- आजादी के बाद यह कभी नहीं हुआ था कि लोकसभा चुनाव के पहले किसी लोकप्रिय राज्य सरकार के प्रमुख को जेल में बंद कर दिया जाए. क्योंकि, अरविंद केजरीवाल सवाल पूछते थे, उनकी नीतियों पर सवाल उठाते थे. दो बार चुनाव वह लड़े, एक बार 97 प्रतिशत सीटें आयीं. बिहार के पड़ोसी राज्य झारखंड में आदिवासी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जेल में बंद कर दिया जाता है. देश में विपक्ष की जहां कहीं भी सरकार है, उसे अपदस्थ करने, गिराने और अपनी सरकार बनाने में भारतीय जनता पार्टी के लोग लगे रहे. वने झारखंड और दिल्ली में सफल नहीं रहे. देश की यह पहली घटना है, जिसको लेकर लोग आक्रोशित हैं. ये लोग (भाजपा) मुद्दे की बात नहीं करते हैं. मंदिर, मस्जिद और पाकिस्तान की बात करते हैं. यह कितना दिन चलेगा. जब लोगों को रोजगार नहीं मिलेगा, महंगाई से निजात नहीं मिलेगा, तब तक कोई अच्छी जिंदगी नहीं व्यतीत कर सकता है. बेरोजगारी दर में भारत नेपाल, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आगे चला गया है. महंगाई भाजपा के लिए डायन की जगह अब महबूबा हो गयी है.

प्रश्न : – राम मंदिर मुद्दे आपकी क्या राय हैउत्तर :- देखिए, राम मंदिर का पहले ढिंढोरा पीटा गया .अयोध्या में राम मंदिर बना, उसको लेकर सभी लोगों ने चंदा दिया. कोई राजनीति क्षेत्र में काम करनेवाला व्यक्ति जिसको सनातन धर्म में विश्वास हो, वैसा कोई नेता इसका विरोध नहीं कर रहा था. जब हम बच्चे से बड़े हो रहे थे, तब भी राम की पूजा कर रहे थे. राम में आस्था है. हमलोग राम के पुजारी हैं, उनकी तरह राम के व्यापारी नहीं हैं.

प्रश्न :- 400 पार के नारे पर इंडिया गठबंधन की क्या सोच है?उत्तर :- भाजपा वालों ने 400 पार का नारा दिया था. लोकसभा में बहुमत के लिए 272 ही सीट चाहिए, पर भाजपा के 400 पार के नारे से गरीब, दलित समुदाय में संदेश गया कि भाजपा वाले तीन-चौथाई का बहुमत लेकर बाबा साहेब के संविधान को बदलना चाहते हैं. उसको लेकर भी जनता में भारी आक्रोश है. सच तो यह है कि पहले और दूसरे चरण के चुनाव में एनडीए गठबंधन वाले पूरी तरह से हार रहे हैं. कांग्रेस किशनगंज, कटिहार और भागलपुर तीनों सीटें जीतने जा रही है. बांका सहित अन्य सीटों पर राजद को भी जीत मिलेगी. एनडीए का हाल बुरा है. एक्सिस सर्वे की रिपोर्ट में डेढ़ माह का सर्वे है, जिसमें एनडीए को 44 प्रतिशत और इंडिया गठबंधन को 43 प्रतिशत दिया गया है.

प्रश्न :- सीट के बंटवारे पर परिवारवाद और लोकल बनाम बाहरी का सवाल उठ रहा है?

उत्तर :- टिकट बंटवारे में कोई बात परिवारवाद को लेकर नहीं है. रही बात महाराजगंज की, तो मेरा बेटा इसके पहले भी चुनाव लड़ा था. वह एआइसीसी का सदस्य है. राजनीति में है. और जहां तक बाहरी का सवाल है तो यह कोई बता दे कि आकाश बाहरी है, तो बक्सर में भाजपा के कैंडिडेट मिथिलेश तिवारी क्या स्थानीय हैं? लालकृष्ण आडवाणी पाकिस्तान में पैदा हुए और भारत में कैसे चुनाव लड़ते थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के रहनेवाले हैं और उत्तरप्रदेश के वाराणसी से चुनाव लड़ते हैं. डा सीपी ठाकुर मुजफ्फरपुर के हैं, जबकि उनके पुत्र नवादा से चुनाव लड़ रहे हैं. गिरिराज सिंह सहित कई लोग दूसरे लोकसभा क्षेत्र में चुनाव लड़ रहे हैं.

प्रश्न :- पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार शर्मा साथ छोड़ कर चले गये, इसपर आपकी क्या टिप्पणी होगी?

उत्तर :- अनिल शर्मा जी और मेरा साथ विश्वविद्यालय है. उनका जाना दुखद है. इसका सही उत्तर तो वहीं दे सकते हैं. पार्टी ने उनको सम्मान दिया था. बिना कोई बात किये चले गये.

प्रश्न :- आपने सासाराम, पटना साहिब की परंपरागत सीट ले ली पर औरंगाबाद की सीट कांग्रेस नहीं ले पायी? क्या कहेंगे.

उत्तर :- गठबंधन में कुछ सीटें इधर-उधर होती हैं. महाराजगंज लोकसभा सीट राजद के पास रहती थी, वह सीट कांग्रेस को मिली. यह बात कोई नहीं कर रहा है. भागलपुर की सीट कांग्रेस के पास नहीं थी, वह सीट कांग्रेस को मिली. औरंगाबाद सीट का नहीं आना निश्चित रूप से दुखद है. हमलोगों की इच्छा थी कि निखिल बाबू वहां से चुनाव लड़ें, लेकिन कभी-कभी समझौते में कुछ ऐसा निर्णय हो जाता है, जिसको मानना पड़ता है. एलायंस का निर्णय प्रदेश कांग्रेस कमेटी का नहीं, बल्कि आलाकमान का निर्णय है. मुकुल वासनिक जी इस कमेटी के चेयरमैन हैं, उनके स्तर से यह फैसला हुआ है.

प्रश्न : कांग्रेस किस प्रमुख मुद्दों पर जनता के बीच जा रही है?

उत्तर :- कांग्रेस ने अपना न्याय पत्र जारी कर दिया है. इसमें सभी वर्गों, युवाओं, किसानों सहित हर नागरिक के लिए न्याय की बात की गयी है. कांग्रेस सत्ता में आती है, तो गरीब परिवार की महिला को हर साल एक लाख की सहयोग राशि दी जायेगी. बिहार में छोटे से कार्यकाल में राजद नेता तेजस्वी प्रसाद ने पांच लाख नौकरी दी है. देश में सरकार बनने पर एक करोड़ को रोजगार दिया जायेगा.

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