इन 6 जिलों को किया गया शामिल…
इसके साथ ही इसे लेकर जमीन अधिग्रहण की प्रारंभिक अधिसूचना से पहले उसकी उससे संबंधित सभी छह जिलों में प्राक्कलित न्यूनतम मूल्य का विशेष पुनरीक्षण किया जायेगा. इसमें वैशाली, समस्तीपुर, दरभंगा, सहरसा, मधेपुरा और पूर्णिया जिले शामिल है. इसका मकसद जमीन अधिग्रहण के विवाद से मुक्त कर इस परियोजना का निर्माण तय समय में पूरा करना है. इस संबंध में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने सभी छह जिलों के समाहर्ताओं को पत्र लिखा है. इस पत्र में अपर मुख्य सचिव ने निर्देश दिया है कि, केंद्रीय मूल्यांकन समिति से स्वीकृति प्राप्त करने के बाद ही प्रारंभिक अधिसूचना प्रकाशित करने की कार्रवाई की जाए.
मुख्य सचिव की ओर से बैठक के बाद दिया गया आदेश
साथ ही उन्होंने यह भी लिखा है कि, भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 की धारा 26 (3) के अनुसार जिला समाहर्ता को किसी क्षेत्र में अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू करने से पहले वहां के प्रचलित बाजार मूल्य के आधार पर पुनरीक्षित मूल्य निर्धारण की कार्रवाई करनी होती है. इसी क्रम में मद्यनिषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग की अधिसूचना के आलोक में बिहार स्टांप (संशोधन) नियमावली, 2013 के उपनियम- 7 के तहत एमवीआर के विशेष पुनरीक्षण का अधिकार दिया गया है. बता दें कि, यह निर्देश मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय बैठक के बाद जारी किया गया है.
ये सभी होंगे लोगों को फायदे…
जानकारी के मुताबिक, इस परियोजना में 20 बड़े पुल, 130 छोटे पुल, 11 आरओबी, 19 इंटरचेंज और 309 वीयूपी बनेगा. वहीं, इसके बनने से समय की काफी बचत होगी. लोग सिर्फ 3 घंटे में ही यात्रा पूरी कर सकेंगे. इसके अलावा दिघावारा से शेरपुर के बीच बनने वाले पुल से इसकी कनेक्टिविटी बिहटा एयरपोर्ट से होगी. जिसके बाद दरभंगा-पूर्णिया एयरपोर्ट से भी जुड़ाव हो जाएगा. साथ ही पटना रिंग रोड का हिस्सा रहे दिघवारा को इस एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा. जिससे लोग दिघवारा होते हुए पूर्वांचल एक्सप्रेसवे होते हुए दिल्ली आसानी से आना-जाना कर सकेंगे. इस तरह से देखा जा सकता है कि, लोगों को बड़ा फायदा पहुंचने वाला है.
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