जानवरों का खानपान: बाघ-शेर रखते हैं एक दिन की फास्टिंग, पर हाथी-गैंडा को भूख बर्दाश्त नहीं

Food of Animals: मांसाहार खाने वाले जानवरों को एक दिन भूखा रखने का नियम बनाया गया है. कुछ जानवर खास कर चितल, बारहसिंघा, हिरण, ऑस्ट्रीच, बर्ड्स, गैंडा, हाथी आदि फास्टिंग में नहीं रहते हैं.

By Ashish Jha | February 8, 2025 11:54 PM
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Food of Animals: पटना. संजय गांधी जैविक उद्यान (पटना जू) क्षेत्रफल के हिसाब से देश में चौथा स्थान रखता है, जो 152.95 एकड़ में है. 52 साल के इस जू में 92 प्रजातियों के कुल 1122 जानवर हैं. ऐसे में इन जानवरों के आहार का खास ख्याल रखा जाता है, जिसके लिए आहार गोदाम भी है. इसकी देख-रेख के लिए वनरक्षी तैनात हैं. जानवरों के खान-पान पर सालाना डेढ़ से दो करोड़ रुपये खर्च किये जाते हैं. खान-पान में हर चीज का खास ख्याल रखा जाता है. रोग से बचाने के लिए जानवरों को मल्टीविटामिन और अन्य दवाएं डॉक्टर की देखरेख में दी जाती हैं.

जानवरों के खान-पान को लेकर रुटीन सेट

जू प्रशासन ने बताया कि जानवरों के खान-पान को लेकर रुटीन सेट है, जिनमें एक दिन की फास्टिंग भी शामिल है. मांसाहारी जानवरों को सप्ताह में एक दिन फास्टिंग में रखा जाता है. इसका कारण उनके डायजेस्टिव सिस्टम के साथ मेटोबॉलिज्म को बेहतर करना होता है. जंगलों में भी जब उन्हें शिकार मिलता है, वह खाते हैं लेकिन जब नहीं मिलता है तो फास्टिंग में रहते हैं. यह उनका नेचुरल प्रोसेस है. यही वजह है कि केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण ( सीजेडए ) के गाइडलाइन के अनुसार मांसाहार खाने वाले जानवरों को एक दिन भूखा रखने का नियम बनाया गया है. कुछ जानवर खास कर चितल, बारहसिंघा, हिरण, ऑस्ट्रीच, बर्ड्स, गैंडा, हाथी आदि फास्टिंग में नहीं रहते हैं. इसका कारण यह है कि यह काफी एक्टिव रहते है जिसकी वजह से इनकी एनर्जी ज्यादा खपत होती है. इसलिए वह लगातार खाते रहते हैं. दूसरा कारण यह है कि जब यह घास या खाना खाते है तो लंबे समय तक इसे चिबाते है जिसकी वजह से खान पूरी तरीके से मिन्स होकर उनके पेट में जाता है और जल्दी पचता है.

जू में रोजाना डेढ़ क्विंटल मांस की खपत

मांसाहारी जानवरों को प्रतिदिन डेढ़ क्विंटल मांस, मछली 60-150 किला ( गर्मी और ठंड में अलग मात्रा) दिया जाता है. वहीं, शाकाहारी पक्षी और जानवरों को प्रतिदिन सीजनल फल दो क्विंटल, डियर मेस दो से ढाई क्विंटल, बर्ड मेस 4 केजी, सब्जी 50 किलो शामिल है. फलों में सीजनल फल, जूस, शहद, हाथियों के लिए गन्ना 25 किलो दो हाथी प्रतिदिन दी जाती है. गैंडा और हाथी के लिए बरसिम और सूडान घास जो सिर्फ उनके लिए मंगाया जाता है.

मौसम के हिसाब से घटता-बढ़ता है आहार

मांसाहार खा वालों में बाघ, शेर, तेंदुआ, ब्लैक पैंथर को प्रति दिन 6-12 किलो मांस दिया जाता है. गर्मी और ठंडी के अनुसार इसकी मात्रा घटती और बढ़ती है. एक समय ही खाना दिया जाता है. अगर बीमार हुए, तो दवा के अनुसार आहार दिया जाता है. बर्ड्स को दो बार खाना दिया जाता है. इनमें दाना, सीजनल फल, मूंगफली, चीना, बीज, धान दिया जाता है. भालू शहद, रोटी, फल, मूंगफली, जाड़े में अंडा दिया जाता है. चिंपांजी को सीजनल फल, अनार जूस, डाभ का पानी, गर्मी में दही-चावल, ठंड में खीर दिया जाता है. हाथी को दो बार खाना दिया जाता है. जाड़े में गन्ना दिया जाता है. रोटी, खिचड़ी का गोला, गुड़, पुआल, सीजनल फल, डाल पत्ता गर्मी में केला का थंब देते हैं. राइनो को दो बार खाना दिया जाता है.

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