Gandak Water Dispute: सुलझा गया जल विवाद, यूपी के गंडक प्रोजेक्ट से बिहार लेगा अब अपने हिस्से का पानी
Gandak Water Dispute: पश्चिमी गंडक नहर प्रणाली से सारण, सीवान और गोपालगंज को जबकि पूर्वी गंडक नहर प्रणाली से पूर्वी व पश्चिमी चंपारण, वैशाली, मुजफ्फरपुर व समस्तीपुर को सिंचाई के लिए पानी मिलता है.
By Ashish Jha | August 1, 2024 1:00 PM
Gandak Water Dispute: पटना. बिहार और यूपी के बीच जल विवाद खत्म हो गया है. रिहंद और वाणसागर जलाशय के बाद गंडक नदी के पानी की हिस्सेदारी को लेकर भी दोनों राज्यों के बीच बात बन गयी है. अब यूपी के रास्ते आनेवाली गंडक नदी से बिहार अपने हिस्से का पानी लेगा. इसके लिए विस्तृत कार्य योजना तैयार हो गयी है. अब गंडक नदी से सिंचाई के लिए बिहार अपने हिस्से का पानी लेगा. गंडक सिंचाई परियोजना से आठ जिलों को सिंचाई के लिए पानी दिया जाता है. इसमें पश्चिमी गंडक नहर प्रणाली से सारण, सीवान और गोपालगंज को जबकि पूर्वी गंडक नहर प्रणाली से पूर्वी व पश्चिमी चंपारण, वैशाली, मुजफ्फरपुर व समस्तीपुर को सिंचाई के लिए पानी मिलता है.
मांग के अनुरूप खोला जाता रहा बराज
वाल्मीकिनगर बराज के संचालन प्रभारी पदाधिकारी ने बताया कि बिहार और उत्तर प्रदेश की मांग के अनुरूप बराज से पानी छोड़ा जाता है. यह पानी पहले यूपी जाता है. वहां से यूपी के सिंचाई विभाग द्वारा बिहार के हिस्से का पानी सारण मुख्य नहर के शून्य बिंदु पर उपलब्ध कराया जाता है. बिहार के जल संसाधन विभाग ने यूपी से समय पर अपने कोटे के पानी की उपलब्धता के लिए सीवान के सिंचाई सृजन के मुख्य अभियंता को जिम्मेवारी सौंपी है. विभाग के अनुसार मुख्य अभियंता उत्तर प्रदेश राज्य के सिंचाई विभाग के पदाधिकारियों से समय पर पानी के लिए अनुरोध करते हैं.
नये प्रावधान के बाद नहीं होगी किल्लत
अब तक गंडक पश्चिमी नहर प्रणाली से सारण मुख्य नहर में जलस्राव के लिए उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के गंडक परियोजना संभाग से पानी की मांग की जाती रही है. इसके पहले बिहार और उत्तर प्रदेश अपनी-अपनी जरूरतों के हिसाब से गंडक नदी से सिंचाई के लिए पानी की मांग करता रहा है. गंडक नदी से सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता कोटे के अनुरूप होने के बाद किसानों को सिंचाई के लिए पानी की किल्लत नहीं होगी. उन्हें भरपूर पानी मिलेगा. इस समय उपलब्ध पानी के आधार पर सिंचाई की कार्ययोजना तय होती है, लेकिन अब सिंचाई की जरूरतों के अनुरूप पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने की योजना है.
गंडक नहर प्रणाली में गरमा व खरीफ के लिए नहर खोलने का तिथि 25 अप्रैल व रबी में नहर खोलने की तिथि 20 दिसंबर निर्धारित है. ऐसे में संबंधित नहर प्रणालियों के मुख्य अभियंता खरीफ के लिए मांग 24 अप्रैल तक जबकि रबी फसल के लिए 9 दिसंबर तक मांग कर दी जाएगी. इसके अलावा गंडक नहर प्रणाली में समय पर जलस्राव उपलब्ध कराने के लिए वाल्मीकिनगर बराज पर खराफ फसल के लिए 25 अप्रैल से पूर्व व रबी फसल के लिए 20 दिसंबर से पूर्व जलाशय में एकत्र करने की व्यवस्था वाल्मीकिनगर बराज के प्रभारी सुनिश्चित करेंगे.
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