संवाददाता, पटना राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को मिलने वाले मिड डे मील में अब मोरिंगा यानी सहजन के पत्ते का भी इस्तेमाल किया जायेगा. मिड डे मील में मिलने वाली दाल में सहजन के पत्ते का इस्तेमाल किया जायेगा. इसके साथ ही सहजन के पत्ते की साग को भी मेन्यू में शामिल किया गया है. स्कूली बच्चों को सालों भर तय मेन्यू के अलावा सहजन के पत्ते का इस्तेमाल किसी-न-किसी रूप में किया जायेगा. मिड डे मील योजना निदेशालय के निदेशक विनायक मिश्र ने 28 जुलाई को आदेश जारी किया है. सभी डीइओ को मिड डे मील में सहजन के पत्ते का इस्तेमाल किये जाने का निर्देश दिया गया है. पत्र में इसके फायदे भी गिनाये हैं. इस योजना का उद्देश्य स्कूली बच्चो को पौष्टिक एवं पोषणयुक्त स्वास्थ्यवर्धक भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित किया जाना है. सहजन में उपलब्ध पोषक तत्व प्रोटीन- पालक से 9 गुना कैल्शियम- दूध से 14 गुना पोटेशियम- केला से चार गुना विटामिन सी- संतरा से सात गुना इन उद्देश्यों को प्रतिपूर्ति होगी डायबिटीज नियंत्रण बैक्टेरियल वायरस एवं फंगल संक्रमण से मुक्ति जोडों मे दर्द से मुक्ति कैंसर नियंत्रण कुपोषण से मुक्ति मिड डे मील की मेन्यू सोमवार- चावल, दाल और हरी सब्जी मंगलवार- चावल और सोयाबीन-आलू की सब्जी बुधवार- चावल और लाल चने की सब्जी (थोड़ा आलू मिला हुआ) गुरुवार- चावल, दाल और हरी सब्जी शुक्रवार- चावल और लाल चने का छोला शनिवार- खिचड़ी (सब्जियां और चोखा मिला हुआ)
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