Good News: राज्य में बाढ़ के दीर्घकालिक समाधान के लिए चार नये बराज बनाये जायेंगे. जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने सोमवार को दरभंगा में इसकी जानकारी दी है. मंत्री ने जिले के किरतपुर प्रखंड अंतर्गत तेतरी गांव के समीप पश्चिमी कोसी तटबंध के टूटे स्थल का निरीक्षण किया. उन्होंने स्थानीय लोगों का फीडबैक लिया और स्थल की सुरक्षा के लिए अधिकारियों को कई निर्देश दिये.
विजय कुमार चौधरी ने स्थल निरीक्षण के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि पश्चिमी कोसी तटबंध के टूटे स्थल के कट-एंड को सुरक्षित कर लिया गया है. साथ ही तटबंध के जिन स्थलों पर ओवर-टॉपिंग हुई है, वहां तटबंधों को ऊंचा और सुदृढ़ कराने के निर्देश दिये गये हैं.
बाढ़ की समस्या के समाधान का बजट में किया गया है प्रावधान
उन्होंने आगे कहा कि इस वर्ष के केंद्रीय बजट में पहली बार बिहार की बाढ़ के समस्या के दीर्घकालिक समाधान के लिए 11,500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इसके तहत ढेंग, तैयबपुर, अरेराज और डगमारा में बराज निर्माण की योजना बन रही है. इन चारों बराजों का निर्माण हो जाने पर बाढ़ का प्रभाव काफी कम हो जायेगा.
मंत्री ने कहा कि बिहार में बाढ़ के प्रभाव को निरंतर कम करना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की शीर्ष प्राथमिकता है. इसके लिए पिछले वर्षों में तटबंधों के उच्चीकरण, सुदृढ़ीकरण और उस पर रोड बनाने सहित कई कार्य किये गये हैं. इस वर्ष पूरे नेपाल में एक साथ भारी वर्षा हुई, जिससे नेपाल से आने वाली सभी नदियों में अत्यधिक जलस्राव प्राप्त हुआ.
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जल संसाधन विभाग की सतर्कता से रोकी गई तबाही
कोसी बराज से पिछले 56 साल का सर्वाधिक जलस्राव प्राप्त हुआ. यह एक ऐतिहासिक प्राकृतिक आपदा थी, लेकिन जल संसाधन विभाग की सतर्कता एवं तत्परता के कारण तबाही को काफी हद तक रोकने में सफलता मिली. जल संसाधन विभाग द्वारा टूटे स्थल पर युद्ध स्तर पर बाढ़ संघर्षात्मक कार्य कराकर क्षतिग्रस्त तटबंध के दोनों कट-इंड को सुरक्षित कर लिया गया है. नदी में जलस्राव में कमी आने पर टूटान को बंद किया जाएगा.
नेपाल में हाइडैम का निर्माण जरूरी
मंत्री ने कहा कि बिहार की बाढ़ के स्थाई समाधान के लिए नेपाल में हाइडैम का निर्माण जरूरी है. यह अंतरराष्ट्रीय मामला है. इसके लिए केंद्र सरकार के स्तर पर प्रयास किये जा रहे हैं. इसके अलावा नदियों में बड़े पैमाने पर जमा हो रही गाद एक बड़ी समस्या है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा इस मुद्दे को समय-समय पर विभिन्न मंचों पर उठाया गया है. गाद की समस्या के समाधान के लिए राष्ट्रीय गाद प्रबंधन नीति बने, यह हम सबकी इच्छा है. राष्ट्रीय गाद नीति के सूत्रण की कार्रवाई केंद्र सरकार के द्वारा प्रक्रियाधीन है. जल संसाधन मंत्री ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में चलाये जा रहे राहत एवं बचाव कार्यों का भी निरीक्षण किया.
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