पटना में शुक्रवार की देर रात को कारोबारी गोपाल खेमका की हत्या मामले की जांच तेज हो गयी है. शनिवार को सीएम नीतीश कुमार ने डीजीपी और अन्य पुलिस पदाधिकारियों के साथ हाईलेवल बैठक भी की जिसमें इस हत्याकांड की जांच को लेकर विशेष निर्देश दिए गए. बेऊर जेल में ताबड़तोड़ छापेमारी भी की गयी. पुलिस ने 100 सीसीटीवी भी खंगाले हैं. तीन लोगों को हिरासत में लेने की बात भी सामने आ रही है. वहीं अब 2018 में गोपाल खेमका के बेटे गुंजन खेमका की हत्या की फाइल पुलिस अब फिर से खंगालेगी.
एक ही तरह से हुई पिता-पुत्र की हत्या
गोपाल खेमका के बेटे गुंजन खेमका की हत्या भी कुछ इस तरह ही की गयी थी. हाजीपुर में गुंजन खेमका को उनके फैक्ट्री के गेट पर गोलियों से छलनी कर दिया गया था. गोपाल खेमका की तरह ही कार में ही उन्हें भी गोली मारी गयी थी. अपराधियों को इस बात की जानकारी थी कि गुंजन रोज फैक्ट्री जाते हैं. उसी तरह बांकीपुर क्लब के निदेशक होने के नाते गोपाल खेमका रोज अक्सर वहां जाते थे और देर रात लौटते थे. घात लगाए अपराधी ने उन्हें तब गोली मारी जब वो देर रात को अपने घर वापस लौटे.
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2018 में बेटे गुंजन की हुई थी हत्या
2018 में गुंजन खेमका की हुई हत्या की थ्योरी अभी तक पुलिस पूरी तरह नहीं सुलझा सकी है. पुलिस अब गुंजन खेमका हत्याकांड की भी फाइल खोलेगी. गुंजन की हत्या के बाद पुलिस ने जमीन विवाद में हत्या होने की बात कही थी. हाजीपुर में हाइवे किनारे 14 बीघा वाली जमीन भी चर्चे में बनी रही. जिसे गुंजन खेमका ने खरीदा था.
क्या जमीन के ही कारण हो गयी हत्या?
गोपाल खेमका की किसी से दुश्मनी नहीं थी, फिर उनकी हत्या किस वजह से हुई है यह पुलिस की जांच में ही पता चलेगा. लेकिन चर्चा में लोग सवाल कर रहे कि क्या उसी 14 बीघा जमीन के कारण यह हत्या तो नहीं कर दी गयी जिस जमीन के कारण गुंजन की हत्या की बात सामने आ रही थी.
पुलिस के हाथ लगे अहम सुराग
शनिवार को पटना रेंज के आइजी जितेंद्र राणा मौके पर पहुंचे और जांच-पड़ताल के बाद उन्होंने मीडिया को बताया कि पटना पुलिस और एसटीएफ के हाथ काफी अहम सुराग लगे हैं. पुलिस जल्द ही इस हत्याकांड का खुलासा कर देगी.