Gopal Khemka Murder Case: बिहार के बिजनेसमैन गोपाल खेमका की हत्या ने सिर्फ एक परिवार को नहीं तोड़ा, बल्कि पटना के सबसे पुराने अपार्टमेंटों में से एक उदयगिरी को फिर एक बार बदनाम कर दिया है. इस हाई-प्रोफाइल मर्डर केस का मास्टरमाइंड अशोक साव, पुलिस के मुताबिक फ्लैट नंबर 601 में पिछले दो साल से छिपा बैठा था. यह वही फ्लैट है जहां 90 के दशक में अशोक सम्राट जैसे कुख्यात अपराधी का अड्डा हुआ करता था. अब तीस साल बाद उसी पते से एक और संगठित अपराध की परतें खुल रही हैं.
एक किरायेदार निकला सुपारी किलिंग का सरगना
7 जुलाई की रात जब पुलिस ने फ्लैट 601 पर दबिश दी तो सोसायटी वालों को लगा कि कोई और नया किरायेदार शायद शराब या घरेलू झगड़े में फंस गया होगा. लेकिन जैसे ही पुलिस ने अशोक साव को हथकड़ी में बाहर निकाला, सबकी आंखें फटी की फटी रह गईं. अशोक साव जिसकी छवि एक अकेले, चुप रहने वाले बुज़ुर्ग की थी दरअसल गोपाल खेमका की सुपारी किलिंग का मास्टरमाइंड निकला. उसने 3.3 लाख में सुपारी दी थी और उसकी गैंग कनेक्शन की कड़ी बेऊर जेल में बंद गैंगस्टर अजय वर्मा से जुड़ रही है.
पटना के इस फ्लैट की काली दास्तां फिर हुई जिंदा
उदयगिरी अपार्टमेंट में कुल 80 फ्लैट हैं, लेकिन बी-ब्लॉक का फ्लैट नंबर 601 हमेशा से एक रहस्यमय किरदार की तरह सामने आता रहा है. 1990 में जब कुख्यात अपराधी अशोक सम्राट यहां रहा करता था, तब यह ठिकाना पटना के अंडरवर्ल्ड से जोड़ा गया था.
वर्षों की खामोशी के बाद 7 जुलाई 2025 को पुलिस छापेमारी ने इस फ्लैट को फिर सुर्खियों में ला दिया, जब इसमें रह रहे 70 वर्षीय अशोक साव को गोपाल खेमका हत्याकांड के मास्टरमाइंड के रूप में पकड़ा गया. साव मूल रूप से नालंदा के बिहारशरीफ का रहने वाला है और पहले लोहा का कारोबार करता था, मगर हाल के वर्षों में स्क्रैप और रियल एस्टेट के धंधे में सक्रिय था. इस फ्लैट के मालिक केके झुनझुनवाला मुंबई में रहते हैं, और अक्सर इसे किराए पर ही चढ़ाया जाता रहा है.
एक फ्लैट, दो हत्याएं, तीस साल का फासला
इस फ्लैट की खासियत यही रही है कि ये लगातार किराए पर चढ़ता है. मालिक मुंबई में रहते हैं और फ्लैट में कौन आ रहा है, इसकी जानकारी सोसायटी के पास भी नहीं रहती. 90 के दशक में अशोक सम्राट ने यहां से क्राइम ऑपरेट किया. अब 2025 में अशोक साव ने वही इतिहास दोहराया फर्क सिर्फ इतना कि इस बार शिकार बना पटना का चर्चित बिजनेसमैन.
अब फ्लैट 601 के दरवाजे पर ताला नहीं, निगाहें हैं
अब सोसायटी में कोई उस फ्लैट की तरफ देखने से भी कतराता है. सोसायटी मीटिंग में यह तय किया गया है कि फ्लैट नंबर 601 को ‘हाई रिस्क यूनिट’ माना जाएगा. अब से कोई भी किरायेदार तभी प्रवेश पाएगा, जब पुलिस वेरिफिकेशन और स्थानीय प्रमाणपत्र जांच हो जाएगी. फिलहाल पुलिस अशोक साव के मोबाइल, लैपटॉप और कॉल डिटेल्स को खंगाल रही है.
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