IRCTC Scam: आईआरसीटीसी घोटाला मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में आज सुनवाई होगी. मामले में आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी समेत 5 लोग आरोपी हैं. इससे पहले 29 मई को मामले में सुनवाई हुई थी. लेकिन, फैसला सुरक्षित रख लिया गया था.
टेंडर प्रोसेस में हुई थी हेरा-फेरी
CBI के एडिशनल डायरेक्टर राकेश अस्थाना की तरफ से कहा गया था कि लालू यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान रेलवे के पुरी और रांची स्थित BNR होटल को IRCTC को ट्रांसफर किया था. इन्हें रख-रखाव के लिए लीज पर देने की योजना थी. इस कड़ी में इसका टेंडर विनय कोचर की कंपनी मेसर्स सुजाता होटल्स को दिया गया था और टेंडर प्रोसेस में हेरा-फेरी हुई थी. टेंडर की यह पूरी प्रक्रिया IRCTC के तत्कालीन MD पीके गोयल के द्वारा की गई थी.
17 जुलाई 2017 को हुआ था एफआईआर
17 जुलाई 2017 को CBI ने लालू यादव समेत 5 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी. जिसके बाद विनय कोचर समेत अन्य आरोपियों के कुल 12 ठिकानों पर छापेमारी अभियान चला था. सीबीआई का आरोप है कि विनय और विजय कोचर को होटलों की लीज दिलाने के बदले लालू यादव ने पटना में तीन एकड़ जमीन ली थी. कोचर बंधुओं ने यह जमीन सरला गुप्ता की कंपनी को बेच दी और बाद में उस कंपनी का मालिकाना हक राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव की कंपनी के पास चला गया. इसी जमीन पर बाद में बिहार का सबसे बड़ा मॉल बनाया जा रहा था.
7 साल की हो सकती है सजा
मामले में लालू प्रसाद यादव की ओर से दलील दी गई कि आईआरसीटीसी भ्रष्टाचार मामले में उनके खिलाफ आरोप तय करने के लिए कोई सबूत नहीं है. वे इस मामले में बरी किए जाने के हकदार हैं. ऐसे में यदि ट्रायल के दौरान सीबीआई आरोपों को साबित कर देती है, तो संबंधित धाराओं के तहत आरोपियों को अधिकतम 7 साल की सजा हो सकती है. ऐसे में कोर्ट के फैसले का लालू फैमिली के साथ-साथ हर किसी को बेसब्री से इंतजार है.
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