कौन हैं चिराग के करीबी हुलास पांडेय? जिनके घर ED की रेड में मिले भारी मात्रा में कैश और जमीन के कागजात

ED Raid: आय से अधिक संपत्ति मामले में पूर्व एमएससी और चिराग पासवान के करीबी हुलास पांडेय के ठिकानों पर ईडी ने छापेमारी की है. जहां भारी मात्रा में कैश और जमीन के कागजात मिले हैं.

By Abhinandan Pandey | December 28, 2024 8:41 AM
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ED Raid: आय से अधिक संपत्ति मामले में पूर्व एमएससी और चिराग पासवान के करीबी हुलास पांडेय के ठिकानों पर ईडी ने छापेमारी की है. शुक्रवार को पटना में दो और बेंगलुरु में एक ठिकाने पर एक साथ छापेमारी की गई है. पटना में शुक्रवार की सुबह ईडी की टीम दानापुर के गोला रोड स्थित आवास पर छापेमारी करने पहुंची थी. बता दें कि ईडी द्वारा यहां से बड़े पैमाने पर जमीन के कागजात और कैश बरामद किए गए हैं. बंद कमरे में वहां मौजूद लोगों से पूछताछ भी गई.

बाहुबली नेताओं में है नाम शामिल

बता दें कि हुलास पांडेय जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के पूर्व विधायक सुनील पांडेय के भाई हैं. इनकी गिनती बिहार के बाहुबली नेताओं में होती है. सुनील पांडेय के बेटे विशाल प्रशांत उपचुनाव में तरारी से बीजेपी के विधायक बने हैं. हुलास पांडेय ने अपने भतीजे को जीत दिलाने के लिए क्षेत्र में खूब प्रचार-प्रसार किया था. लोजपा (रामविलास) के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के बेहद करीबियों में हुलास पांडेय की गिनती होती है.

चर्चित ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड में भी नाम है शामिल

बिहार के चर्चित ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड में भी हुलास पांडेय का नाम आया था. इसके बाद उन्होंने पिछले साल 18 दिसंबर को एलजेपी (आर) के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. हालांकि, इस मामले में आरा के एमपी-एमएलए की विशेष अदालत ने इस मामले में सीबीआई की चार्जशीट को खारिज कर दिया था. जिससे हुलास पांडेय को राहत मिली थी.

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पिता की हत्या के बाद अपराध की दुनिया में रखा कदम

बाहुबली हुलास पांडेय का जन्म रोहतास जिले के नावाडिह गांव में हुआ था. हुलास चार भाइयों में तीसरे नंबर पर है. पिता की हत्या के बाद हुलास पांडेय ने अपराध की दुनिया में कदम रखा था. हुलास पांडेय पर दो दर्जन से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं. इनमें अवैध हथियार रखना, हत्या की कोशिश और जैसे कई मामले शामिल हैं. 2015 के चुनाव में राधाचरण सेठ से उनको हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद वे लोजपा में शामिल हो गए थे.

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