संजय लीला भंसाली की वेब सीरीज ‘हीरामंडी द डायमंड’ इन दिनों ओटीटी पर स्ट्रीम कर रही है. इस सीरीज में अभिनेता शेखर सुमन नजर आ रहे हैं. शेखर बताते हैं कि वह एक्टर हैं और हमेशा से उन्हें सबसे ज्यादा सुकून एक्टिंग में ही आती है. उन्हें उम्मीद है कि इस सीरीज के बाद इंडस्ट्री से उन्हें अच्छे ऑफर्स मिलेंगे. पेश है शेखर सुमन की उर्मिला कोरी से हुई बातचीत के प्रमुख अंश.
देवदास में चुन्नी बाबू का रोल नहीं कर पाये थे ?
संजय लीला भंसाली बहुत टफ टास्क मास्टर मानें जाते हैं ?
पीरियड आधारित शो होने पर क्या किरदार से जुडी चुनौतियां बढ़ गयी थी ?
मनीषा कोइराला के साथ एक्टिंग का अनुभव कैसा रहा, रिहर्सल में वह कितनी यकीन रखती है ?
अपने हुनर पर उनकी पकड़ बहुत मजबूत है. यह बात सभी जानते हैं. जिस वजह से उनके साथ काम करने का एक अलग ही मजा आया. बहुत ज्यादा रिहर्सल करने की जरूरत नहीं थी. हमें अपने किरदारों की पहचान थी, हमने कहा हम बस करके देखते हैं कि इसका क्या असर निकलता है. ऐसा भी होता है कि आप बहुत ज्यादा रिहर्सल कर लो, तो वह नेचुरल नहीं बल्कि मैकेनिकल टाइप की एक्टिंग लगती है. हमने अपने किरदारों को समझा. एक बार लाइन रिहर्स की और उसके पास सीधा टेक दे दिया.
60 प्लस की उम्र में आपकी फिटनेस प्रेरणादायी है, कितने समय जिम में वर्कआउट करते हैं ?
हां! कई बार लोग कहते हैं कि मैं अध्ययन का भाई लगता हूं, जिसको सुनकर कभी-कभी वह कहता है कि आप इतने जवान कैसे हो सकते हैं (हंसते हुए ). तो मैं क्षमा मांग लेता हूं. हर एक इंसान को अपने शरीर पर मुझे लगता है की सबसे ज्यादा ध्यान देना चाहिए. हम एक्टर्स को तो और ज्यादा. उम्र के बारे वैसे आप जितना ख्याल शरीर का रखेंगे. शरीर भी आपको उतना ही ख्याल रखेगी. मैं इस बात को बहुत मानता हूं. मैं जितनी मेहनत कर सकता हूं, उतनी अपने शरीर पर करता हूं. 4 -6 घंटे जिम में देता हूं. कभी-कभी मेरी पत्नी मुझसे बोलती है कि यह क्या पागलपन तुम पर चढ़ा है, इतना ध्यान तुम मुझ पर दे देते. जवाब में मैं उनको कहता हूं कि मैं स्वस्थ रहूंगा,तो ही तो मैं तुम पर ध्यान दे पाऊंगा.
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