संवाददाता, पटना माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा है कि मोदी युग में संविधान के खिलाफ जाकर आरएसएस की अब सुपर सरकार चल रही है. उन्होंने कहा कि जदयू के मंत्री अशोक चौधरी द्वारा यह स्वीकार करना कि उनके दामाद को बिहार धार्मिक न्यास परिषद में आरएसएस कोटे के तहत सदस्य बनाया गया है.यह केवल एक व्यक्ति विशेष की नियुक्ति का मामला नहीं, बल्कि बिहार की सरकार और संघ परिवार के बीच गहरे साठगांठ का प्रमाण है. यह एक खतरनाक मिसाल है, जो हमारे संविधान, लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्ष ढांचे के खिलाफ है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार में आरएसएस जैसे सांप्रदायिक संगठन की सिफारिश पर नियुक्तियां हो रही हैं. दीपंकर ने कहा कि यह मुख्यमंत्री को यह स्पष्ट करना होगा कि वे बिहार की प्रशासनिक मशीनरी को संविधान के तहत चलायेंगे या नागपुर से चलने वाली विचारधारा के निर्देश पर चलायेंगे.
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