देश के 9 राज्यों से होकर गुजरने वाली यह ट्रेन करीब 60 बड़े स्टेशनों पर रुकती है. मगर हैरान करने वाली बात यह है कि बिहार जैसे विशाल और जनसंख्या घनत्व वाले राज्य में इसका सिर्फ एक ही ठहराव है- किशनगंज रेलवे स्टेशन.
किशनगंज में सिर्फ दो मिनट का ठहराव
विवेक एक्सप्रेस जब अपने तीसरे दिन की यात्रा में किशनगंज स्टेशन पहुंचती है, तो रात के 10:10 बजे यह स्टेशन पर आती है और सिर्फ दो मिनट यानी 10:12 बजे रवाना हो जाती है. इतना प्रतिष्ठित ट्रेन बिहार के बाकी किसी स्टेशन पर नहीं रुकती, जो किशनगंज को विशेष बनाता है. ट्रेन के किशनगंज पहुंचने से पहले मालदा टाउन और बाद में न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन (दोनों पश्चिम बंगाल में) इसके पड़ाव होते हैं.
ट्रेन का नाम और महत्व
विवेक एक्सप्रेस का नाम स्वामी विवेकानंद की स्मृति में रखा गया है और यह ट्रेन भारत की विविधता- सांस्कृतिक, भाषाई और भौगोलिक की प्रतीक मानी जाती है. कन्याकुमारी से डिब्रूगढ़ तक के लंबे सफर में यह ट्रेन भारत को उत्तर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम तक जोड़ने का कार्य करती है.
किशनगंज के लोगों के लिए सम्मान की बात
किशनगंज के लोगों के लिए यह एक गर्व का विषय है कि विवेक एक्सप्रेस जैसे प्रतिष्ठित ट्रेन का ठहराव सिर्फ उनके शहर में है. बिहार के जिन यात्रियों को इस ट्रेन से सफर करना हो, उन्हें किशनगंज से ही चढ़ना या उतरना होगा.
(सहयोगी सुमेधा श्री की रिपोर्ट)
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