– बिहार इलेक्शन वाच एवं एडीआर ने नागरिक समाज संगठनों की भूमिका पर किया विमर्श
बिहार इलेक्शन वाॅच एवं एडीआर के संयुक्त तत्वाधान में शनिवार को नागरिक समाज संगठनों की भूमिका पर विमर्श का आयोजन किया गया. जगजीवन राम संसदीय अध्ययन एवं राजनीतिक शोध संस्थान में आयोजित इस कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि चुनावों में बाहुबल एवं धनबल का जोर बढ़ गया है. सामाजिक सरोकार के मुद्दे गौण हो गये हैं, इसलिए मतदाता में मतदान के प्रति उदासीनता व्याप्त हो गयी है. लोकतंत्र तभी अच्छा होगा, जब सामाजिक एवं आर्थिक विकास को लेकर आगे चलेंगे. हम विकास के लिए कास्ट के आधार पर सरकार चुनते हैं. कार्यक्रम के दूसरे वक्ता ने कहा कि सरकारें सिविल सोसाइटी के अधिकारों मे निरंतर कटौती कर रही हैं. उन्होंने कहा कि संवाद एक तरफा नहीं, दो तरफा होनी चाहिए. वोट प्रतिशत घट रहा है, यह बात होती है. किंतु किसको अपना वोट दें, इसपर बात नही होती. बिहार इलेक्शन वाॅच के प्रतिनिधि ने कहा किसी लोकतंत्र के सबसे महत्वपूर्ण अंग नागरिक होते हैं, क्योंकि उनपर संसद, राज्य विधान सभा और स्थानीय निकायों मे अपने प्रतिनिधियों को चुनकर भेजने की जिम्मेदारी होती है. स्वयं सक्रिय जागरूक मतदाता लगातार जवाब मांगते हुए राजनीतिक पार्टियों को मजबूर कर सकता है, जिसमे सिविल सोसाइटी की अहम भूमिका हो सकती है. कार्यक्रम को गोपाल कृष्ण, पीयूसीएल के सरफराज अहमद, प्रो एसपी सिंह, संजीव कुमार, विद्यार्थी जी, विनय कुमार, तुषारकांत उपाध्याय, योगेश रौशन, गजेंद्र सिंह, राजीव चटर्जी इरफान अहमद, राकेश कुमार आदि ने संबोधित किया. मंच संचालन राजीव कुमार ने किया.
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