इन जिलों में हो चुका है निर्माण
जानकारी के मुताबिक, सीतामढ़ी, मुंगेर, गया, मधुबनी और वैशाली में 3402 एकड़ में निर्माण कार्य हो चुका है. बाकी के बचे 21,273 एकड़ जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया जारी है. उद्योग विभाग की ओर से आस-पास के राज्यों के अलावा नेपाल और भूटान के छोटे मार्केट पर भी कब्जा करने की तैयारी की जा रही है. नेपाल की सीमा बिहार से सटी हुई है तो वहीं भूटान जाने का भी सीधा रास्ता है.
साल 2025 तक शुरू हो सकेगा काम
सारण, जमुई, शिवहर, अरवल, शेखपुरा, कैमूर और बांका में 21,273.07 एकड़ जमीन चिह्नित की गई हैं. रैयती जमीन 18,059.12 एकड़ जबकि सरकारी जमीन 3162.88 एकड़ है. इन जिलों में फूड प्रोसेसिंग, सौंदर्य सामग्री, बैग, जूते-चप्पल और सूती कपड़े के निर्माण की योजना है. जानकारी के मुताबिक, साल 2025 के आखिर तक काम शुरू होने की खबर है.
इन जिलों में 2005.45 एकड़ जमीन में बनेगा इंडस्ट्रियल पार्क
मुंगेर, वैशाली, सीतामढ़ी और मधुबनी की 2005.45 एकड़ जमीन में टेक्सटाइल और लेदर हब बनेगा. मुंगेर के संग्रामपुर में 50 एकड़ की जमीन पर काम शुरू भी हो चुका है. वैशाली जिले में 1243.45 एकड़ तय की गई है. जबकि, गया में 1670 एकड़ में इंडस्ट्रियल पार्क बन रहा है. इसकी लागत 1339 करोड़ रुपए है. यहां कपड़ा, लेदर, फर्नीचर और फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाए जायेंगे. यह प्रोजेक्ट 2027 तक पूरा हो सकेगा. इस तरह से बिहार में बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिल सकेगा.
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