इस वजह से बढ़ रही संख्या
वहीं, वीटीआर में बढ़ रहे बाघों की संख्या के पीछे की वजह यह बताई जा रही है कि, वीटीआर में पर्याप्त भोजन और पानी मिलने की वजह से बाघों की संख्या बढ़ रही है. प्रजनन दर में तेजी से वृद्धि हो रही है. वहीं, गंडक नदी के किनारे बसे वीटीआर के जंगल को बाघों के लिए अनुकूल बनाया गया है. यहां बाघ शिकार आसानी से कर लेता है. हिरण, चीतल, सांभर, नीलगाय की संख्या अधिक होने से बाघों को पर्याप्त भोजन मिल जाता है.
पिछले कुछ सालों में बाघों का आंकड़ा
इसके अलावा वीटीआर का जंगल 900 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है, जिसमें 1700 हेक्टेयर में ग्रासलैंड को विकसित किया गया है. इससे शाकाहारी वन्य प्राणियों की संख्या में भी इजाफा हुआ है. वहीं, आंकड़ों की बात करें तो, वीटीआर में 2010-11 में 8, 2013-14 में 28, 2018-19 में 32, 2022-23 में 54 और 2023-24 में 70 बाघों की संख्या पहुंच गई.
आज पटना में जागरूकता कार्यक्रम
इधर, पटना के चिड़ियाघर की बात करें तो, पटना जू में संरक्षण-प्रजनन के तहत 32 बाघों का जन्म हुआ है, जो बिहार और पटना जू के लिए बड़ी उपलब्धि है. वहीं, आज मंगलवार को पटना में बाघों के संरक्षण को लेकर जागरूकता कार्यक्रम होगा.
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