IRCTC : मधुबनी. होली एवं लगन में परदेश आने जाने वाले यात्रियों को आने वाले समय में कन्फर्म टिकट मिलना मुश्किल हो सकता है. रेलवे सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार परदेश आने जाने वाले यात्रियों को आगामी दो माह तक कंफर्म टिकट उपलब्ध नहीं हो पाएगा. स्वतंत्रता सेनानी, शहीद, सरयू यमुना गरीब रथ, बिहार संपर्क क्रांति व पवन एक्सप्रेस में ओपनिंग डेट तक वेटिंग चल रहा है.
स्वतंत्रता सेनानी में सात मई से कंफर्म
घर से परदेश जाने वाले यात्रियों को जयनगर- नई दिल्ली स्वतंत्रता सेनानी के एसी -3 में 7 मई तथा जयनगर अमृतसर के स्लीपर में 7 मई को कन्फर्म टिकट उपलब्ध है. हालांकि तत्काल टिकट के लिए पीआरएस काउंटर पर यात्रियों का जमावड़ा अहले सुबह से ही लगा रहता है. इसके बाद भी पीआरएस काउंटर से एक या दो तत्काल टिकट ही उपलब्ध होता है. रेलवे में स्लीपर की जगह एसी में टिकट मिलना आसान हो गया है. रेलवे द्वारा जहां यात्रियों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर आम लोगों से किराए के रूप में तीन गुना अधिक राशि की वसूली भी की जा रही है.
सरयू यमुना एक्सप्रेस के 17 कोच में से 15 कोच एसी
मधुबनी से नई दिल्ली का स्लीपर का किराया 575 रुपए है, जबकि इसी ट्रेन के थर्ड एसी का किराया 1505 रुपए है. रेलवे द्वारा जयनगर अमृतसर एवं अमृतसर जयनगर शहीद एवं सरयू यमुना एक्सप्रेस के 17 कोच में से 15 कोच एसी कर दिया गया है. इस एक्सप्रेस ट्रेन में महज दो कोच स्लीपर है. रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार शहीद एवं सरयू यमुना एक्सप्रेस में दो स्लीपर कोच, 10 कोच 3 एसी इकोनामिक क्लास, 4 सेकंड एसी एवं एक संयुक्त एसी कोच होगा. जिसमें आधा फर्स्ट एसी एवं आधा सेकंड एसी कोच होगा.
सुविधा के नाम पर बढ़ गया ढाई गुना किराया
विदित हो कि इस ट्रेन से अधिकांश लोग रोजी रोटी की तालाश में परदेश जाते हैं. ऐसे में अब इन लोगों की यात्रा तो आरामदायक है, लेकिन किराए के रूप में इन्हे ढाई गुना अधिक राशि देनी पड रही है. जहां स्लीपर में 640 रुपए का टिकट है, वहीं थर्ड एसी में 1605 रुपए का किराया देना पड़ता है. जबकि सेकंड एसी में 2470 रुपये किराया देना पड़ता है. इससे पूर्व जयनगर नई दिल्ली स्वतंत्रता सेनानी सुपरफास्ट एक्सप्रेस व दरभंगा नई दिल्ली बिहार संपर्क क्रांति सुपरफास्ट एक्सप्रेस के 4-4 स्लीपर बोगी को कम कर दिया गया है. इसके जगह दोनों ट्रेनों में 6-6 थर्ड एसी कोच लगा दिया गया है.
प्रतिदिन केवल एक ट्रेन का ही सहारा
रेलवे के इस कदम के कारण उसके राजस्व में तो बढ़ोतरी हुई है, लेकिन इन ट्रेनों में स्लीपर में यात्रा करने वाले सामान्य व मजदूर वर्ग के लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. अब लोगों को स्लीपर की जगह थर्ड एसी में आसानी से टिकट मिल रहा है. इसके एवज में उन्हें स्लीपर की किराए से 3 गुना अधिक किराया देने की मजबूरी है. इतना ही नहीं जिले से वर्तमान में दिल्ली के लिए प्रतिदिन केबल स्वतंत्रता सेनानी सुपरफास्ट एक्सप्रेस, सप्ताह में 2 दिन जयनगर आनंद विहार गरीब रथ का परिचालन किया जा रहा है. इसके कारण दिल्ली जाने वाले यात्रियों को प्रतिदिन केवल एक ट्रेन का ही सहारा है.
4 लाख लाख रुपये हो रहा है राजस्व प्राप्त
वाणिज्य कार्यालय को टिकट बिक्री से वर्तमान समय में प्रतिदिन 4 रुपए से अधिक की राजस्व की प्राप्ति होती है. इसमें आरक्षित टिकट से 2 से 2.25 लाख एवं अनारक्षित टिकट से लगभग 2 लाख रुपए प्रतिदिन की राजस्व प्राप्त होती है. जानकारी के अनुसार पीआरएस काउंटर पर प्रतिदिन 200-225 यात्रियों काटिकट एवं युटीएस काउंटर से 3000-3500 यात्रियों का टिकट बिक्री की जाती है.
बस सेवा पर भी ध्यान
होली एवं लगन में दिल्ली, मुंबई, अमृतसर आने एवं जाने वाले यात्रियों को 10 मई तक कंफर्म टिकट उपलब्ध नहीं हो सकेगा. ऐसे में यात्रियों कंफर्म टिकट के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ सकती है. वर्तमान में यात्रियों के लिए टिकट एजेंट से तत्काल या फिर बस सेवा ही विकल्प बचा है.
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