राजनीतिक अस्तित्व खोता जा रहा मनसे
सांसद राजेश वर्मा ने लोकसभा में कहा कि कोई व्यक्ति अपने परिवार को छोड़कर किसी अन्य राज्य में जाकर नौकरी करता है, तो वह शौक नहीं बल्कि मजबूरी होती है. कोई कारखाना, उद्योग या व्यापारिक घराना किसी को नौकरी देता है तो यह एहसान नहीं होता है. बल्कि, कर्मचारियों की योग्यता के आधार पर उन्हें नौकरी दी जाती है. लोजपा-आर के सांसद ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से इस मामले पर संज्ञान लेने की मांग की. उन्होंने कहा कि बिहार यूपी के हिंदी भाषा के लोग जो महाराष्ट्र में काम कर रहे हैं, उन्हें सुरक्षा मिलनी चाहिए. वर्मा ने यह भी दावा किया कि राज ठाकरे का राजनीतिक अस्तित्व खोता जा रहा है, इसलिए मनसे के लोग ओछी हरकत कर रहे हैं
मराठी बोलने के लिए आग्रह करना गलत नहीं
बीते कुछ समय से महाराष्ट्र में मराठी भाषा न बोलने पर हिंदी पट्टी के लोगों पर मनसे के कार्यकर्ताओं द्वारा हमला किए जाने की खबरें आई हैं. हाल ही में मुंबई के पोवई क्षेत्र में मराठी न बोलने पर एक सिक्योरिटी गार्ड को थप्पड़ मारे जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. पिछले महीने वर्सोवा में भी एक डी-मार्ट के कर्मचारी को मराठी में बात न करने पर पिटाई कर दी गई थी. राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को इस मुद्दे पर कहा कि महाराष्ट्र में मराठी बोलने के लिए आग्रह करना कोई गलत बात नहीं है. सरकार का भी मानना है कि मराठी का उपयोग ज्यादा से ज्यादा होना चाहिए. लेकिन, इसके लिए कोई कानून हाथ में लेता है तो उस पर कार्रवाई होगी.
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