12% की ब्याज दर पर पूंजीगत ऋण
बैंक में ऐसे ऋण उत्पाद तैयार किए जाएंगे, जो बड़ी राशि की मांग को समय पर पूरा कर सकें. इससे छोटे स्तर पर चल रहे व्यवसायों को मजबूती मिलेगी और महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकेंगी. स्वयं सहायता समूह की सदस्य महिलाओं को वार्षिक 12% की ब्याज दर पर पूंजीगत ऋण मिलेगा. भविष्य में आवश्यकतानुसार ब्याज दरों में परिवर्तन का अधिकार प्रबंधन समिति को होगा.
जीविका निधि बैंक का संचालन
‘जीविका निधि बैंक’ का संचालन बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड के अंतर्गत किया जाएगा. इसका पंजीकरण बिहार सहकारी सोसाइटी अधिनियम 1935 के तहत किया जाएगा. बैंक के प्रबंधन में आम निकाय, प्रतिनिधि आम निकाय, प्रबंधन समिति और पदाधिकारी सक्रिय भूमिका निभाएंगे. प्रत्येक क्लस्टर स्तर पर बैंक संचालन के लिए 10 लाख रुपये की दीर्घकालिक जमा राशि दी जाएगी. साथ ही, जीविका निधि पर एक निर्धारित ब्याज दर पर प्रतिवर्ष ब्याज देने की व्यवस्था भी होगी.
सरकारी और संस्थागत सहयोग
इस परियोजना को सशक्त बनाने हेतु राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) द्वारा 110 करोड़ रुपये की सहायता राशि दी जाएगी. इसके साथ ही राज्य सरकार नाबार्ड, एलआईसी, राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम, भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (SIDBI) आदि संस्थाओं से लिए गए ऋण के लिए गारंटर की भूमिका निभाएगी. इससे बैंकिंग संस्थाओं का भरोसा भी बढ़ेगा और ऋण प्राप्ति प्रक्रिया आसान होगी. ‘जीविका निधि बैंक’ न केवल महिला उद्यमिता को बढ़ावा देगा, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों का भी केंद्र बनेगा. यह पहल महिलाओं के लिए आत्मनिर्भरता की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है.
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