बिहार के इन आठ जिलों को होगा बंपर फायदा
कोसी-मेची अंतरराज्यीय लिंक परियोजना के तहत कोसी नदी के अतिरिक्त जल को महानंदा बेसिन तक पहुंचा जायेगा. इसके तहत पूर्वी कोसी मुख्य नहर का पुनर्निर्माण होगा. इस नहर की लंबाई 41.30 किमी से बढ़ाकर 117.50 किमी तक विस्तारित किया जाना है, ताकि कोसी और मेची नदियों को जोड़ा जा सके. इससे बिहार में सिंचाई सुविधाओं का विस्तार होगा, कृषि क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा और किसानों को लाभ मिलेगा. कोसी-मेची लिंक परियोजना बिहार के किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है. इससे सुपौल, सहरसा, मधेपुरा, पूर्णिया, अररिया, किशनगंज, कटिहार और मधुबनी सहित आठ से अधिक जिले के लोगों को बाढ़ से राहत मिलेगी. वहीं, पूर्णिया, अररिया और किशनगंज जिले में सिंचाई की बेहतर सुविधा मिलेगी.
कई नहरों में पानी का होगा वितरण
यह परियोजना कोसी बराज से मेची नदी तक लंबी होगी. इसके तहत वीरपुर से फारबिसगंज तक पहुंची मुख्य पूर्वी नहर का किशनगंज के मेची नदी तक विस्तार होगा. इसमें फारबिसगंज तक मुख्य पूर्वी नहर 41.3 किमी बना हुआ है. यहां से इसी नहर का मेची नदी तक 76.2 किमी विस्तारीकरण होगा. वर्ष 1962 में बने नहर का डिजाइन डिस्चार्ज फिलहाल 425 क्यूमेक(घनमीटर) है, जिसको बढ़ाकर 573 क्यूमेक किया जाना है. इस पूरी नहर परियोजना से सिंचाई के लिए चार ब्रांच कैनाल (शाखा नहर) और छह डिस्ट्रीब्यूटरी कैनाल (वितरणी नहर) होगा.
सहरसा प्रमंडल में बनेगा सबसे लंबा कैनाल
ब्रांच कैनाल (शाखा नहर) एक की लंबाई सबसे अधिक 116 किमी है, जो सहरसा प्रमंडल में आएगा. ब्रांच कैनाल दो कटिहार डिवीजन में है, जिसकी लंबाई 65 किमी. वहीं, अररिया प्रमंडल में कैनाल तीन 18 किमी और कैनाल चार 30 किमी लंबी होगी. इसी तरह 6 डिस्ट्रीब्यूटरी कैनाल (वितरणी नहर) में अररिया जिले के बथनाहा प्रमंडल में पड़ने वाले एक की लंबाई 10 किमी, दो की लंबाई 05 किमी, कटिहार प्रमंडल में तीन की लंबाई पांच और चार की सात किमी, अररिया प्रमंडल का डिस्ट्रीब्यूटरी कैनाल पांच की 11 किमी और छह की 10 किमी लंबाई होगी.
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