Lockdown in Bihar : बिहार की 90 फीसदी आबादी को मिलेगा PM पैकेज का लाभ : सुशील मोदी

बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने शुक्रवार को कहा है कि प्रधानमंत्री पैकेज का सर्वाधिक लाभ बिहार की 90 फीसदी आबादी को मिलेगा. बिहार के 1.68 करोड़ राशनकार्डधारी परिवारों को अगले तीन माह तक मुफ्त में दोगुना खाद्यान्न, 4.64 करोड़ जन-धन खाताधारकों में से महिला खाताधारियों को तीन महीने में 1500 रुपये, 85 लाख गरीब परिवारों को मुफ्त में तीन गैस सिलेंडर और अंत्योदय अन्न योजना से जुड़े निर्धनतम परिवारों को 210 किग्रा मुफ्त खाद्यान्न मिलेगा.

By Kaushal Kishor | March 27, 2020 7:14 PM
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पटना : उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना वायरस से उत्पन्न स्थितियों के मुकाबले के लिए घोषित 1.70 लाख करोड़ के प्रधानमंत्री पैकेज के तहत राज्य के 1.68 करोड़ राशनकार्डधारी परिवारों को अगले तीन माह तक मुफ्त में दोगुना खाद्यान्न, 4.64 करोड़ जन-धन खाताधारकों में से महिला खाताधारियों को तीन महीने में 1500 रुपये, 85 लाख गरीब परिवारों को मुफ्त में तीन गैस सिलेंडर और अंत्योदय अन्न योजना से जुड़े निर्धनतम परिवारों को 210 किग्रा मुफ्त खाद्यान्न मिलेगा.

मोदी ने कहा कि राशन कार्डधारी प्रत्येक परिवारों को अगले तीन महीने तक दोगुना खाद्यान्न की आपूर्ति की जायेगी. अंत्योदय अन्न योजना से जुड़े प्रदेश के निर्धनतम 25 लाख परिवारों को 210 किग्रा मुफ्त खाद्यान्न तीन महीनों में मिलेंगे. शेष 1.43 करोड़ राशन कार्डधारियों को 30 किग्रा अनाज मुफ्त में दिया जायेगा.

इसी प्रकार राज्य के 4.64 करोड़ जन-धन खाताधारकों, जिनमें अधिकतर महिला खाताधारी हैं, को प्रति महीने 500 की दर से तीन महीने में 1500 रुपये मिलेंगे. बिहार के 85 लाख गरीब परिवारों को उज्ज्वला योजना के तहत तीन महीने में तीन गैस सिलेंडर मुफ्त मिलेंगे.

बिहार में मनरेगा के तहत 32 लाख सक्रिय मजदूर हैं, जिन्हें अब अगले वित्तीय वर्ष में प्रतिदिन की मजदूरी पहले के 177 रुपये की जगह 194 रुपये यानी 17 रुपये बढ़ोतरी के साथ मिलेंगे, जिससे लॉकडाउन के दौरान उनके रोजगार दिवस की हुई क्षति की काफी हद तक भरपाई हो सकेगी. इस वित्तीय वर्ष में लगभग ढाई हजार करोड़ रुपये की मजदूरी का भुगतान किया गया है.

राज्य में कार्यरत 9 लाख 25 हजार स्वयं सहायता समूह, जिनसे करीब एक करोड़ महिलाएं जुड़ी हुई हैं, को भी पहले के 10 लाख की जगह अब बिना किसी मॉरगेज के 20 लाख रुपये तक का बैंकों से कर्ज मिल सकेगा. 2019-20 में स्वयं सहायता समूहों को 3,300 करोड़ का तथा प्रारंभ से लेकर अब तक 11 हजार करोड़ का ऋण मिला है.

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