सूर्यदेव को अर्घ्य देना बेहद शुभ
ज्योतिषाचार्य श्रीपति त्रिपाठी ने बताया कि मकर सक्रांति के दिन सूर्यदेव को अर्घ्य देना बहुत ही शुभ और उन्नतिकारक होता है. इस दिन सूर्य मजबूत अवस्था में होते हैं, इसलिए मकर संक्रांति को जल का अर्घ्य देने से कुंडली में मौजूद सभी ग्रहों को मजबूती, मानसिक शांति, आर्थिक उन्नति व मान-सम्मान में वृद्धि होती है. इस दिन ताबे के लोटे में जल के साथ काला तिल, गुड़, लाल चंदन, लाल फूल, अक्षत डालकर ॐ सूर्याय नमः मंत्र पढ़ते हुए जल देना चाहिए. सूर्य को जल देने से रोग, शोक दूर होते हैं और स्वास्थ्य लाभ, प्रखर बुद्धि, ऐश्वर्य, मुख मंडल पर दिव्य तेज आता है.
धर्म से जुड़ी अन्य खबरें पढ़ने के लिए यहां पर क्लिक करें
गंगा स्नान से पंच अमृत तत्व की प्राप्ति
मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान करने से एक हजार अश्वमेध यज्ञ के समान पुण्य प्राप्त होता है. इसी दिन ही महर्षि प्रवहण को प्रयाग के तट पर गंगा स्नान से सूर्य भगवान से पांच अमृत तत्वों की प्राप्ति हुई थी. ये तत्व है-अन्नमय कोष की वृद्धि, प्राण तत्व की वृद्धि, मनोमय तत्व यानी इंद्री को वश में करने की शक्ति में वृद्धि, अमृत रस की वृद्धि यानी पुरुषार्थ की वृद्धि, विज्ञानमय कोष की वृद्धि यानी तेजस्विता व भगवत प्राप्ति का आनंद.
मकर संक्रांति से सूर्य होते हैं उत्तरायण
मकर संक्रांति के दिन सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण हो जाते हैं. उत्तरायण की इस अवधि को देवताओं का दिन और दक्षिणायन को देवताओं की रात के तौर पर माना जाता है. सूर्य छह महीना दक्षिणायण और छह मास उत्तरायण रहते हैं. राशिवत के अनुसार सूर्य मकर से मिथुन राशि तक उत्तरायण में और कर्क से धनु राशि तक दक्षिणायन में निवास करते है. सूर्य के उत्तरायण होने से मनुष्य की कार्यक्षमता में वृद्धि होती है.
Also Read: Mahakumbh Mela 2025: महाकुंभ में किस घाट पर नहाने का है सबसे अधिक महत्व