दो वर्ष में 18465 विवाहितों ने करार विवाह को पंजीकृत
विवाह निबंधन से न केवल विवाह को कानूनी मान्यता मिलती है, बल्कि यह जोड़ों के अधिकारों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करता है. यह अधिनियम किसी भी धर्म के जोड़ों पर लागू होता है, चाहे वे अंतरधार्मिक विवाह कर रहे हों या नहीं. पिछले दो वर्षों में अवर निबंधन कार्यालयों और जिला निबंधन कार्यालयों में विशेष विवाह अधिनियम के तहत 18 हजार 465 विवाहितों ने अपने विवाह को पंजीकृत कराया. इनमें वर्ष 2023 में 9 हजार 493 और 2024 में 8 हजार 972 विवाहितों ने विवाह को पंजीकृत कराने का आवेदन दिया. इस दौरान कुल 5 हजार 693 रजिस्टर्ड मैरेज भी हुए हैं.
प्रतिबंधित रिश्तों में विवाह पर रोक
भारत में विशेष विवाह अधिनियम, 1954 की धारा 2(बी) के तहत रजिस्टर्ड मैरेज के लिए पुरुष की आयु 21 वर्ष और महिला की 18 वर्ष होनी चाहिए. दोनों मानसिक रूप से स्वस्थ होने चाहिए और उनके बीच प्रतिबंधित संबंध नहीं होना चाहिए. “प्रतिबंधित रिश्तों ” के बीच विवाह वर्जित है. यह प्रतिबंध खून के रिश्ते, दत्तक ग्रहण (गोद लिए गए रिश्ते), पूर्ण रक्त (एक ही माता-पिता से जन्मे), अर्ध रक्त (एक ही पिता, लेकिन माता अलग) और गर्भ रक्त (एक ही माता, लेकिन पिता अलग) पर लागू होता है. प्रतिबंधित रिश्तों की सूची (प्रथम अनुसूची के अनुसार) पुरुष मां, नानी, बेटी, पोती, इत्यादि और महिला पिता, बेटा, पोता, भाई, भतीजा या अन्य नजदीकी रिश्ते में विवाह प्रतिबंधित है. प्रतिबंधित रिश्तों में विवाह सामान्य रूप से अमान्य माना जाता है.
जरुरी दस्तावेज और शुल्क
विवाह पंजीकरण के लिए जोड़ों की आयु 21 वर्ष होने के साथ उनके पास पहचान प्रमाण, निवास प्रमाण, आयु प्रमाण और विवाह का प्रमाण जैसे जरुरी दस्तावेज होने अनिवार्य हैं. विवाह और पंजीकरण के लिए जोड़े को अपने क्षेत्र के नजदीकी निबंधन कार्यालय में 30 दिन पहले ऑनलाइन या ऑफलाइन रूप में आवेदन करना होगा. विवाह और पंजीकरण के बाद पति या पत्नी के लिए अलग-अलग विवाह प्रमाण पत्र जारी किया जाता है. विवाह सूचना के लिए शुल्क के तौर पर 100 रुपये, निबंधन शुल्क 200 रुपये, विवाह खोज शुल्क 50 रुपये (चालू वर्ष), विवाह प्रतिलिपि शुल्क 100 रुपये, विवाह कमीशन शुल्क 600 रुपये और विवाह आपत्ति शुल्क 100 रुपये निर्धारित है.
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