Gopal Khemka Murder: पटना के चर्चित कारोबारी गोपाल खेमका की हत्या मामले में जहां एक ओर पटना पुलिस ने शूटर की गिरफ्तारी और गन सप्लायर के एनकाउंटर का दावा कर केस सुलझाने की बात कही है, वहीं दूसरी ओर इस पूरी कार्रवाई पर निर्दलीय सांसद और कांग्रेस नेता पप्पू यादव ने गंभीर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने पुलिस की कहानी को “एक सुनियोजित प्लॉट” करार देते हुए कहा है कि यह सारा मामला सिर्फ “आइवॉश” (दिखावा) है, असली अपराधियों को बचाने की कोशिश की जा रही है.
‘ना शूटर सामने, ना हथियार बरामद’
पप्पू यादव ने एक टीवी चैनल से बातचीत में पुलिस की जांच पर तंज कसते हुए कहा, “पुलिस ने न तो अब तक शूटर को सार्वजनिक किया और न ही हत्या में इस्तेमाल हथियार को बरामद किया गया है. जो गाड़ी वारदात में इस्तेमाल हुई, वह भी नहीं मिली. CCTV फुटेज में भी कथित शूटर की पहचान नहीं की गई. फिर पुलिस किस आधार पर उमेश को मुख्य आरोपी बता रही है?” उन्होंने कहा कि पुलिस का दावा सिर्फ एक स्क्रिप्ट की तरह है, जिसमें आरोपियों को बिना सबूत फंसाया जा रहा है, और असली साजिशकर्ता पर्दे के पीछे हैं.
‘एनकाउंटर भी एक कहानी’
गन सप्लायर विकास उर्फ राजा की एनकाउंटर में मौत पर सवाल उठाते हुए पप्पू यादव ने कहा, “एनकाउंटर के पीछे भी एक कहानी गढ़ी गई है. कहा जा रहा है कि राजा ने पुलिस पर फायरिंग की, जवाब में मारा गया. लेकिन क्या कोई गवाह है? कोई फुटेज है? क्या वाकई वो हथियार सप्लाई करता था?” पप्पू ने दावा किया कि यह सब सिर्फ झूठ को सच दिखाने का खेल है. “पुलिस किसे बचाना चाहती है, किसे मोहरा बनाना है, यह हेडक्वार्टर से तय होता है.”
‘गोपाल खेमका के बेटे की हत्या भी रहस्य बनी रही’
पप्पू यादव ने गोपाल खेमका के बेटे की पुरानी हत्या का भी मुद्दा उठाया और कहा कि उस केस में तीन लोग बरी हो गए, एक आरोपी की हत्या कर दी गई और केस को बंद कर दिया गया. उन्होंने पूछा, “उस हत्या का कारण आज तक क्यों नहीं बताया गया? क्यों केस खत्म कर दिया गया? क्या गोपाल खेमका और उनके बेटे को किसी बड़े ज़मीनी सौदे में फंसाया गया था?”
उन्होंने आरोप लगाया कि खेमका परिवार ने किसी नेता के दबाव में जमीन का सौदा करने से इनकार किया था, जिससे नाराज होकर बेटे की हत्या की गई, और अब उसी साजिश के तहत पिता की भी हत्या कर दी गई.
‘शूटर से बरामद करें हथियार, CCTV से दिखाएं चेहरा’
पप्पू यादव ने चुनौती दी कि अगर उमेश ही असली शूटर है, तो पुलिस को उससे वह हथियार बरामद करना चाहिए, जिससे गोली चली. उन्होंने कहा, “अगर शूटर है, तो उसके पास से हथियार मिलना चाहिए, उसकी पहचान CCTV फुटेज में होनी चाहिए.” उन्होंने पुलिस से यह भी पूछा कि जब उन्होंने कहा कि गन सप्लायर राजा ने शूटर को हथियार दिया, तो क्या इसका कोई सबूत है? “क्या विकास के खिलाफ कोई दस्तावेज, कोई क्लिप या कोई गवाह है?”
‘बड़ी मछलियों को बचा रही है पुलिस’
पप्पू यादव ने अंत में कहा कि पुलिस सिर्फ कमजोर लोगों को पकड़ रही है और बड़े अपराधियों, नेताओं व रसूखदारों को बचा रही है. उन्होंने कहा, “जो लोग जेल से बाहर आकर प्रवचन दे रहे हैं, जो लोग पहले से हत्या के आरोप में रहे हैं, उनका एनकाउंटर क्यों नहीं होता? क्यों बड़ी मछलियों को छोड़ दिया जाता है?”
उन्होंने स्पष्ट कहा कि यदि पुलिस सच में सच्चाई सामने लाना चाहती है, तो उसे सबूतों के साथ कार्रवाई करनी चाहिए और असली साजिशकर्ताओं को बेनकाब करना चाहिए, वरना यह केस भी खेमका के बेटे की हत्या की तरह ‘फाइल बंद’ बनकर रह जाएगा.
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