आवश्यकता का 50 फीसदी ही मतदान में होगा इस्तेमाल
आयोग ने बताया है कि एक चरण में अधिकतम 9865 बूथ पर ही वोट पड़ेंगे. इसके हिसाब से उपलब्ध बूथ के तीन गुणा यानि करीब 29.5 हजार इवीएम (बीयू-सीयू) की ही मतदान में आवश्यकता पड़ेगी. लेकिन, 15 फीसदी रिजर्व, 15 फीसदी फर्स्ट लेवल चेकिंग (एफएलसी), 15 फीसदी अतिरिक्त बैलेट यूनिट और पांच फीसदी इवीएम की आवश्यकता प्रशिक्षण के लिए देखते हुए दोनों चरणों के लिए करीब 98 हजार (बीयू-सीयू) की उपलब्धता सुनिश्चित कर रखी गयी है.
जेएंडएच सीरीज के इवीएम नहीं होंगे इस्तेमाल
आयोग ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लि (बेल) के एमटू मॉडल का इवीएम ही चुनाव में इस्तेमाल होगा. जेएंडएच सीरीज के बीयू और सीयू का उपयोग प्रतिबंधित है. फिलहाल सभी जिलों में इवीएम को स्ट्रांग रूम से निकाल कर उनकी फर्स्ट लेवल चेकिंग करायी जा रही है. 12 सितंबर तक एफएलसी पूरा हो जाने के बाद सभी इवीएम को रैंडमाइजेशन के लिए सुरक्षित रख दिया जायेगा. आवश्यकता के अनुरूप एक जिले से दूसरे जिले में इवीएम को भेजा भी गया है.
Also Read: Patna Crime : दोस्ती की आड़ में रची मर्डर की साजिश, पहले की पार्टी फिर करा दी हत्या
पटना में 16.2 हजार इवीएम की जरूरत
आयोग के आकलन के मुताबिक मतदान के लिए पटना में सबसे अधिक 16.2 हजार इवीएम की आवश्यकता का आकलन किया गया है. इसके साथ ही गया में 3523, भागलपुर में 3367, भोजपुर में 2542, नालंदा में 3420 और मुजफ्फरपुर में 2907 इवीएम की आवश्यकता होगी. अरवल-मधुबनी आदि जिलों में एक हजार से भी कम इवीएम लगेंगे.