Chhath Puja: पटना की 150 से ज्यादा मुस्लिम महिलाएं छठ पूजा के लिए बनाती हैं चूल्हे, इस बात का रखती हैं खास ख्याल
Chhath Puja: छठ महापर्व में जो अनेकता में एकता है, वह शायद ही किसी अन्य पर्व में देखने को मिलती है. सूर्य की उपासना का यह महापर्व सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश करता है. पटना में कई ऐसी मुस्लिम महिलाएं हैं जो छठ व्रत के लिए मिट्टी का चूल्हा बनाती हैं. इसके निर्माण में वो साफ-सफाई का खास ध्यान रखती हैं.
By Anand Shekhar | November 5, 2024 11:03 AM
Chhath Puja: लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा 5 नवंबर से शुरू हो रहा है. इन पर्व में व्रत करने वाली महिलाएं कच्चे चूल्हे पर प्रसाद बनाती हैं, जिसे कई मुस्लिम महिलाएं साफ-सफाई और पवित्रता का ध्यान रखते हुए बड़े ही जतन से बनाती हैं. पटना के कंकड़बाग, कदमकुआं, दारोगा राय पथ, आर ब्लॉक और जेपी गोलंबर के पास आपको ये महिलाएं चूल्हा बनाती नजर आ जाएंगी. इन महिलाओं की संख्या 150 से ज्यादा है. इसमें कई परिवार ऐसे हैं जो पीढ़ी दर पीढ़ी इसे बनाते आ रहे हैं.
ऑर्डर पर बनाता है मिट्टी का डबल चुल्हा
चूल्हे बनाने वाली महिलाओं का कहना है कि वे खुद ही मिट्टी खरीदकर उसे तैयार करती हैं, ताकि त्योहार के लिए चूल्हे बनाए जा सकें. एक ट्रैक्टर मिट्टी की कीमत 3000 से 4000 रुपये तक होती है. इन चूल्हों की कीमत 120 रुपये से 400 रुपये तक होती है. सिंगल चूल्हे तो हर जगह मिल जाते हैं, लेकिन लोग डबल चूल्हे के लिए अलग से ऑर्डर करते हैं.
इस बात का रखती हैं ख्याल
पटना शहर में कई इलाके ऐसे हैं जहां मुस्लिम महिलाएं ये चूल्हे बनाती हैं. इन्हें बनाने के लिए वे दुर्गा पूजा के ठीक बाद छठ पर्व के लिए चूल्हे की तैयारी शुरू कर देती हैं. ये महिलाएं पिछले कई सालों से ये चूल्हे बना रही हैं. चूल्हा बनाने से पहले वे मिट्टी से कंकड़-पत्थर चुनती हैं. इसके बाद वे पानी और पुआल मिलाकर मिट्टी को चूल्हे का आकार देती हैं. उनका कहना है कि ईश्वर सबके लिए एक ही है. इस महापर्व की इतनी गरिमा है कि हम ये चूल्हे कभी घर में नहीं बनाते, सड़क किनारे खुले में बनाते हैं.
कमला नेहरू नगर में चूल्हा बनाने वाली मुख्तारी खातून बताती हैं कि वे पिछले 30 सालों से चूल्हा बना रही हैं. उन्होंने अपनी मां और भाई से चूल्हा बनाना सीखा. अब घर में वे अकेली हैं जो चूल्हा बनाती हैं. चूंकि यह बड़ा त्योहार है, इसलिए इसकी पवित्रता को ध्यान में रखते हुए वे घर में चूल्हा नहीं बनातीं, बल्कि खुले में बनाती हैं और लोग वहीं ले जाते हैं. इस बार मुख्तारी खातून ने 200 चूल्हे बनाए हैं, जिन्हें उन्होंने दशहरा के बाद बनाना शुरू किया था.
चूल्हा बनाने में रखा जाता है साफ-सफाई का विशेष ध्यान
आर ब्लॉक के पास चूल्हा बनाने वाली सजनी खातून पिछले दस सालों से यह काम कर रही हैं. उन्होंने बताया कि जब वह चूल्हा बनाती हैं तो पूरी सावधानी बरतती हैं और साफ-सफाई का ध्यान रखती हैं क्योंकि छठ पर्व आस्था और विश्वास का पर्व है. एक चूल्हे की मांग बहुत ज्यादा है और लोग इसे खरीद भी रहे हैं. अब तक वह 60 से ज्यादा चूल्हे बना चुकी हैं.
यहां पटना न्यूज़ (Patna News) , पटना हिंदी समाचार (Patna News in Hindi), ताज़ा पटना समाचार (Latest Patna Samachar), पटना पॉलिटिक्स न्यूज़ (Patna Politics News), पटना एजुकेशन न्यूज़ (Patna Education News), पटना मौसम न्यूज़ (Patna Weather News) और पटना क्षेत्र की हर छोटी और बड़ी खबर पढ़े सिर्फ प्रभात खबर पर.