मुजफ्फरपुर: जूरन छपरा में दरभंगा महाराज की 13 एकड़ जमीन की नीलामी आज, जानें किसे मिलेगी राशि

Muzaffarpur: कोर्ट नोटिस में कहा गया है कि नीलामी के माध्यम से दरभंगा महाराज की जमीन की बिक्री होनी है. नीलामी की जद में निजी के अलावा सरकारी जमीन भी आ सकती है. हालांकि, नीलामी को रोकने व नीलामी में शामिल जमीन के संबंध में प्रशासन के स्तर से अबतक कदम नहीं उठाया गया है.

By Ashish Jha | February 24, 2025 2:43 AM
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Muzaffarpur: मुजफ्फरपुर. शहर के जूरन छपरा स्थित दरभंगा महाराज की करीब 13 एकड़ जमीन की सोमवार यानी 24 फरवरी को नीलामी होगी. इसके लिए कोलकता हाईकोर्ट के निर्देश पर नोटिस जारी किया जा चुका है. लेकिन, आश्चर्य की बात यह है कि जिस अंचल की जमीन की नीलामी होनी है, उसके अंचलाधिकारी(सीओ) को इसकी जानकारी तक नहीं है. यही नहीं, डीसीएलआर पूर्वी को भी इस नीलामी के बारे में पता नहीं है. कोर्ट नोटिस में कहा गया है कि नीलामी के माध्यम से दरभंगा महाराज की जमीन की बिक्री होनी है. नीलामी की जद में निजी के अलावा सरकारी जमीन भी आ सकती है. हालांकि, नीलामी को रोकने व नीलामी में शामिल जमीन के संबंध में प्रशासन के स्तर से अबतक कदम नहीं उठाया गया है.

पब्लिक ट्रस्ट को मिलेगी एक चौथाई राशि

कोलकाता हाइकोर्ट के आदेश के अनुसार नीलामी की राशि कोर्ट में जमा होगी. कोलकाता हाईकोर्ट महाराजा कामेश्वर सिंह की वसीहत के अनुसार संबंधित पक्षों में उनका हिस्सा देगी. दरभंगा महाराज ने अपनी संपत्ति में से एक चौथाई संपत्ति तिरहुत की जनता को दे रखी है. ऐसे में इस निलामी से जो राशि आयेगी इसका एक चौथाई हिस्सा पब्लिक ट्रस्ट को मिलना है. कोलकाता हाईकोर्ट ने जो जमीन की न्यूनतम राशि तय की है उसके अनुसार कम से कम 40 करोड़ की राशि पब्लिक ट्रस्ट को मिलने जा रही है. इतनी ही राशि महारानी कामसुंदरी को मिलने की उम्मीद है. बाकी पैसा महाराजा के पोते और पोतियों में बांटे जायेंगे.

1935 में बिहार सरकार को दी गयी थी लीज

महाराज कामेश्वर सिंह एवं तत्कालीन बिहार सरकार के अधिकारियों के बीच 1 जनवरी 1935 को 99 साल की लीज हुई थी. लीज के अनुसार जमीन सरकार के पास चली गई. आजादी के बाद 1961 में दरभंगा महाराज की पक्ष की ओर से मुंसिफ अदालत में मनी सूट दायर हुआ. तीन साल बाद महाराज के पक्ष में फैसला आया. इसके खिलाफ राज्य सरकार सब जज की अदालत में गई. जहां सरकार की मांग खारिज कर दी गई. संबंधित पक्ष की ओर जमीन पर अपना दावा जताते हुए कोलकाता हाईकोर्ट का रूख किया गया था. कोलकाता हाईकोर्ट ने तीन माह पूर्व 12.97 एकड़ जमीन की बिक्री आम नीलामी से करने का आदेश दिया.

राजस्व विभाग के अधिकारी उदासीन

नीलामी के आदेश के बाद प्रॉपर्टी डीलर से लेकर कई सफेदपोश जूरन छपरा की जमीन पर नजर बनाए हुए हैं. इस संबंध में डीसीएलआर पूर्वी संजय कुमार ने बताया कि नीलामी के संबंध में मुझे किसी तरह का निर्देश या पत्र नहीं मिला है. मुझे नीलामी के संबंध में जानकारी नहीं है. वहीं मुशहरी सीओ महेंद्र शुक्ला ने बताया कि किस जमीन की नीलामी होनी है, यह जानकारी मुझे नहीं है. हालांकि, सीओ ने बताया कि जूरन छपरा स्थित सरकारी व गैर सरकारी जमीनों से संबंधित कागजातों को तैयार रखने का निर्देश कर्मचारी को दिया गया है. जमीन के खतियान व जमाबंदी संबंधित कागजात जुटाए जा रहे हैं.

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